रायपुर :छत्तीसगढ़ में रमन सरकार के आम बजट को लेकर कवायदें अंतिम दौर में पहुंच गई है। सचिव स्तरीय चर्चा पूरी होने के बाद अब मंत्रिस्तरीय चर्चा में प्रस्तावों को अंतिम रूप दिया जाएगा। विधानसभा चुनाव के चलते सरकार इस बार ज्यादातर लंबित प्रस्तावों को बजट में प्रावधानित करने पर जोर दे रही है। वहीं आम लोगों की मांग के आधार पर ही इसे अमलीजामा पहनाने की कोशिशें हैं।
मुख्यमंत्री रमन सिंह आज से ही मंत्रियों से उनके विभागों से संबंधित अहम प्रस्तावों के साथ बड़ी योजनाओं को लेकर मंत्रणा में जुट गए हैं। सूत्रों के मुताबिक रमन सरकार का चुनावी बजट एक तरह से रियायतों से भरा होगा। वहीं लोक लुभावन बजट में किसी तरह का कोई नया कर नहीं थोपा जाएगा। फिलहाल इसी तरह के संकेत मिल रहे हैं।
विधानसभा का आगामी बजट सत्र भी फरवरी माह के दूसरे सप्ताह में प्रस्तावित है। ऐसे में जनवरी माह में ही मुख्य बजट को चर्चा के साथ अंतिम रूप दिया जाएगा। सूत्रों का दावा है कि सरकार का फोकस एक तरह से आदिवासी एवं दलित वर्ग पर बना हुआ है। यही वजह है कि इन वर्गों को साधने के लिए बजट में बढ़ोतरी भी हो सकती है। दूसरी ओर सरकार की ओर से नए सिरे से प्रस्तावों को रिव्यू करने की प्रक्रिया चल रही है। योजनाओं में आम लोगों तक फायदा पहुंचाने के नजरिए से भी वित्त विभाग को निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा यूथ, महिलाओं को भी विशेष तौर पर फोकस किया जा रहा है।
किसानों को बोनस के प्रावधान के साथ स्काई परियोजना के तहत स्मार्ट फोन बांटने की भी सरकार की घोषणा को अमलीजामा पहनाने के लिए बजट में भारी भरकम राशि का प्रावधान किया जाएगा। इसके अलावा अधोसंरचना विकास के साथ विभिन्न विभागों के प्रावधानों में भी बढ़ोतरी के संकेत हैं। सचिव स्तरीय चर्चा में इस पर निर्णय हो चुका है। वहीं मंत्री स्तर पर हो रही चर्चा में इस पर मुहर लगने की संभावना है। यही वजह है कि सरकार का चुनावी बजट एक लाख करोड़ तक पहुंचने के आसार नजर आ रहे हैं।
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