देश के अलग-अलग हिस्सों से छोटी बच्चियों के साथ हो रहे दुष्कर्म को लेकर शनिवार को केंद्र की ओर से बड़ा फैसला लिया गया है। 12 साल तक की बच्ची से बलात्कार के दोषियों को मौत की सजा देने के प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। प्रधानमंत्री आवास पर आज केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया। अब सरकार इसके लिए अध्यादेश लाएगी।
कैबिनेट की बैठक में ‘प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस’ यानी पॉक्सो एक्ट में संशोधन को मंजूरी मिलने से 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से रेप के दोषियों को मौत की सजा दिए जाने का रास्ता साफ हो जाएगा। दरअसल, कठुआ में पिछले दिनों हुई दुष्कर्म की घटना के बाद ऐसे आरोपियों को सख्त सजा देने की मांग की गई। कानून में बदलाव के बाद 12 साल तक बच्ची के साथ दुष्कर्म के दोषी को मौत की सजा होगी।
शनिवार को पॉक्सो एक्ट में संशोधन पर चर्चा को लेकर कैबिनेट की बैठक भी बुलाई गई। इस संशोधन पर कैबिनेट की मंजूरी मिलने पर 12 साल से कम की बच्चियों के बलात्कार के दोषियों को मौत की सजा दिए जाने का रास्ता साफ हो जाएगा। महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने हाल में ही कहा था कि वो कठुआ और हाल में हुई दूसरी बलात्कार की घटनाओं से बहुत दुखी हैं और उनका मंत्रालय बहुत जल्द ही पॉक्सो एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव कैबिनेट के सामने पेश करेगा।
फिलहाल इस कानून में दोषियों के लिए मौत की सजा का प्रावधान नहीं है। कैबिनेट की बैठक के एक दिन पहले केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका के जवाब में एक पत्र देकर कहा है कि वह पॉक्सो एक्ट में संशोधन करने की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है, जिसके तहत 12 साल से कम की बच्चियों के साथ बलात्कार के लिए फांसी की सजा का प्रावधान होगा। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई 27 अप्रैल को होगी।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में वकील अलख आलोक श्रीवास्तव की एक जनहित याचिका लंबित है जिसमें छोटे बच्चों के साथ दुष्कर्म पर चिंता जताते हुए कानून को कड़ा किये जाने की मांग की गई है। कोर्ट ने इस याचिका पर सरकार से जवाब मांगा था। सरकार की ओर से शुक्रवार को एडीशनल सालिसिटर जनरल के जरिये एक नोट पेश कर बताया गया कि सरकार पोक्सो कानून में संशोधन कर 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से दुष्कर्म के दोषी के लिए मृत्युदंड का प्रावधान करने पर विचार कर रही है।
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