वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को बड़ा ऐलान किया। केंद्र की मोदी सरकार ने ओबीसी आरक्षण के लिए क्रीमी लेयर की आय सीमा को बढ़ा दिया है। अब 8 लाख रुपये सालाना तक कमाने वाली अन्य पिछड़ी जातियां (OBC) क्रीमी लेयर में आएंगी। पहले यह सीमा 6 लाख रुपये सालाना की थी। सरकार के नए फैसले की वजह से अब ओबीसी वर्ग के ज्यादा लोगों को नौकरियों और भर्तियों में आरक्षण का फायदा मिल सकेगा।
जेटली ने बताया कि ओबीसी की सूची में सब-कैटिगरी बनाने की दिशा में एक आयोग का गठन करने के लिए राष्ट्रपति के पास सिफारिश भेजी गई है। इससे, लाभ पाने से वंचित रह जाने वाले लोगों को भी शामिल किया जा सकेगा।
A Commission will be set up to examine sub-categorization of OBCs: Arun Jaitley pic.twitter.com/zqsYqytSgb
— ANI (@ANI) August 23, 2017
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि ओबीसी में सब-कैटेगरी बनाने को लेकर एक आयोग का गठन किया जाएगा। यह आयोग ओबीसी कैटिगिरी के अंदर सब-कैटेगिरी बनाने पर विचार करेगी।
पहले आयोग का चेयरमैन नियुक्त किया जाएगा। नियुक्ति के बाद 12 हफ्ते में इससे संबंधित रिपोर्ट सरकार को सौंपना होगा।
बता दें कि क्रीमी लेयर में आने वाले पिछड़ा वर्ग के लोग आरक्षण के दायरे से बाहर हो जाते हैं। सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण है, बशर्ते परिवार की वार्षिक आय क्रीमी लेयर के दायरे में न आती हो। अभी तक वार्षिक आय छह लाख रुपये तक तक थी, अब यह 8 लाख रुपये हो गई है। जिनकी आय अधिक होती है उन्हें क्रीमी लेयर कहा जाता है और वे आरक्षण के लिए पात्र नहीं होते।