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मोदी सरकार का मुस्लिम महिलाओं को Gift, अब अकेले भी कर सकेंगी हज

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नई दिल्ली : मोदी सरकार ने मुस्लिम महिलाओं को तोहफा दिया है। सरकार ने नई नीति में पहली बार मुस्लिम महिलाओं को स्वतंत्र रुप से हज करने की सुविधा दी है। इसके पहले नियम था कि कोई भी महिला बिना किसी खून के रिश्ते वाले रिश्तेदार के बिना बज करने नहीं जा सकती। लेकिन अब यह खत्म होने जा रहा है।

नीति के अनुसार, 45 साल की उम्र पार कर चुकी चार या उससे अधिक मुस्लिम महिलाएं एक साथ हज यात्रा पर जा सकती हैं। इसके लिए उन्हें किसी रिश्तेदार के साथ जाने की जरुरत नहीं होगी। सऊदी अरब हज के लिए 45 साल या उससे अधिक उम्र की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देता है। नई हज नीति के तहत मुस्लिम महिलाएं बिना किसी मेहरम (जिसके साथ खून का रिश्ता हो) के भी स्वतंत्र रूप से हज यात्रा कर सकेंगी।

अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि नई नीति के तहत हज यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। अभी तक कोई भी मुस्लिम महिला अपने खून के रिश्ते वाले रिश्तेदार के बिना हज पर नहीं जा सकती थी। नई नीति के तहत 45 साल की उम्र पार चुकी चार या उससे अधिक मुस्लिम महिलाएं एक साथ हज यात्रा पर जा सकती हैं। सऊदी अरब भी 45 और इससे अधिक उम्र की महिलाओं को हज के लिए प्रवेश की अनुमति देता है।

पीटीआइ के मुताबिक, 45 साल से कम उम्र की महिलाओं को अभी भी मेहरम के साथ ही हज यात्रा करनी होगी। नई नीति में मेहरम का कोटा भी 200 से बढ़ाकर 500 करने का प्रस्ताव है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अमल करते हुए नई हज नीति में सब्सिडी की व्यवस्था खत्म करने को भी हरी झंडी दे दी गई है।

सुप्रीम कोर्ट ने 2022 तक धीरे-धीरे हज सब्सिडी खत्म करने का आदेश दिया था। लेकिन, सरकार गरीब मुसलमानों को हज यात्रा का सस्ता विकल्प मुहैया कराने पर विचार कर रही है। इसके लिए समुद्री जहाज से यात्रा की सुविधा दी जा सकती है। सरकार इसके लिए सऊदी अरब से बात करेगी, साथ ही अंतरराष्ट्रीय कंपनियों से जरूरी टेंडर भी मंगाएगी।

अभी तक सिर्फ हवाई जहाज से हज यात्रा संभव थी, जो काफी महंगी होती है। नई नीति में हज यात्रियों को देश में बेहतर सुविधाएं देने पर जोर दिया गया है। इसके लिए हज प्रस्थान स्थलों की संख्या 21 से घटाकर नौ की जाएगी। इनमें दिल्ली, लखनऊ, कोलकाता, अहमदाबाद, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरु और कोच्चि शामिल हैं। इन जगहों पर सरकार अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस हज हाऊस का निर्माण करेगी। जो प्रस्थान स्थल इस सूची से बाहर हैं, वहां हज यात्रियों के लिए बनी सुविधाओं का इस्तेमाल शैक्षिक गतिविधियों के लिए किया जाएगा।

मालूम हो कि इसी साल सरकार ने सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी अफजल अमानुल्ला की अध्यक्षता में नई हज नीति पर सुझाव देने के लिए समिति बनाई थी, जिसने शनिवार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। मुख्तार अब्बास नकवी ने नई हज नीति को पारदर्शी और जनता के अनुकूल बताया है। इसमें हज समिति और निजी टूर ऑपरेटरों के अनुपात को भी साफ कर दिया गया है। इसके तहत 70 फीसद यात्री हज समिति के जरिये और 30 फीसद निजी टूर ऑपरेटरों के जरिये जाएंगे।

पीटीआइ के मुताबिक, नई नीति में हज समिति को आयकर, जीएसटी और अन्य स्थानीय करों से छूट देने का प्रस्ताव किया गया है। साथ ही हज यात्रियों की सुविधा के लिए एयर चार्टर सर्विसेज को भी सेवाकर अथवा जीएसटी से छूट देने का प्रस्ताव किया गया है।

हज हाउसों की संख्या में कटौती

नई हज नीति में सऊदी अरब के साथ-साथ देश में बेहतर सुविधा देने पर जोर दिया गया है। इसके लिए हज हाउसों की संख्या में 21 से घटाकर 9 कर दिया गया। अब वे दिल्ली, लखनऊ, कोलकाता, अहमदाबाद, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरु और कोच्चि से प्रस्थान कर सकेंगे।

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