भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्रमुक प्रमुख एम करुणानिधि से चेन्नई में मुलाकात करने के कोई राजनीतिक मायने नहीं हैं। उन्होंने इसे शिष्टाचार मुलाकात बताया।
केंद्रीय राज्यमंत्री पी. राधाकृष्णन ने यहां संवाददाताओं को बताया कि देश के प्रधानमंत्री मोदी कल अपने चेन्नई दौरे के दौरान बीमार चल रहे करुणानिधि से मिलना चाहते थे, उनके प्रति सम्मान व्यक्त करना चाहते थे और उनकी सेहत संबंधी हालचाल जानना चाहते थे। बस यही हुआ। मोदी ने करुणानिधि को नई दिल्ली स्थित अपने आवास पर आमंत्रित किया। इस मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री के साथ राधाकृष्णन भी थे।
उन्होंने कहा, इस तरह की मुलाकातों को भी महत्व देना आजकल चलन बन गया है, जिसमें प्रधानमंत्री ने उन्हें हार्दिक शुभकामनाएं दी। करूणानिधि को देखकर मोदी भावुक हो गए। इसमें वहीं देखा जाना चाहिए था। मोदी ने 93 वर्षीय नेता से उनके गोपालपुरम स्थित आवास पर मुलाकात की।
द्रमुक प्रमुख अब व्हीलचेयर तक सीमित हैं। कल शहर के एकदिवसीय दौरे पर आए मोदी ने इस दौरान समय निकालकर उनसे मुलाकात की। इस दौरान वह तमिलनाडु के दैनिक दीना थानाथी की 75 वर्षगांठ के उपलक्ष्य में हुए समारोह में भी शामिल हुए। मोदी के मई 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद दोनों नेताओं की यह पहली मुलाकात है।
द्रमुक ने भी इसे शिष्टाचार मुलाकात ही बताया। पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन ने कहा कि मोदी उनके पिता से मुलाकात करने किन्ही राजनीतिक इरादों से नहीं आए थे, उन्होंने राजनीति के बारे में बात भी नहीं की। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने केवल कलाईगनर की सेहत के बारे में जानकारी ली। उन्होंने यह भी कहा कि केवल मीडिया ही इस मुलाकात के राजनीतिक मायने निकाल रहा है।