नरेंद्र मोदी सरकार के कैबिनेट में बड़ा फेरबदल होने की संभावना है बता दे की इसी हफ्ते के अंत तक मोदी मंत्रिमंडल में अब तक का सबसे बड़ा फेरबदल हो सकता है। यह भी माना जा रहा है कि कैबिनेट में विस्तार के साथ कुछ नए चेहरों को भी शामिल किया जा सकता है सूत्रों के मुताबिक भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच अंतिम दौर की बातचीत हो चुकी है और हर समीकरण पर भी व्यापक चर्चा हो चुकी है ।
सूत्रों के अनुसार केन्द्रीय मंत्रिमंडल में अमित शाह को भी शामिल करने की चर्चा चल रही है। अमित शाह हाल ही में गुजरात से राज्यसभा सांसद चुने गए हैं लेकिन भाजपा का एक बहुत बड़ा धड़ा इस पक्ष में है कि अमित शाह भाजपा अध्यक्ष ही बने रहे। अमित शाह पर अंतिम फ़ैसला प्रधानमंत्री मोदी और स्वयं शाह को लेना है। सियायी गलियारों में इस बात की भी चर्चा है कि भाजपा में नई परिपाटी की भी शुरूआत हो सकती है यानि अमित शाह मंत्री और राष्ट्रीय अध्यक्ष दोनों रह सकते है।
बता दे की रेल मंत्रालय के लिए पिछला सप्ताह काफी तनावपूर्ण रहा। पांच दिन के अंदर दो बड़े रेल हादसों के बाद रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे की पेशकश की हालांकि पीएम मोदी ने उनसे कुछ दिन इंतजार करने के लिए कहा है माना जा रहा है कि कैबिनेट विस्तार में रेल मंत्रालय प्रभु से लेकर किसी और को दिया जा सकता है । माना जा रहा है कि कैबिनेट विस्तार में रेल मंत्रालय प्रभु से लेकर किसी और को दिया जा सकता है. हालांकि सुरेश प्रभु को मोदी का भरोसेमंद सिपहसालार माना जाता है ऐसे में माना जा रहा है कि मोदी उन्हें अपनी कैबिनेट में बनाए रखेंगे. इस फेरबदल में परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का कैबिनेट में कद बढ़ाया जा सकता है. उन्हें हाईवे निर्माण के क्षेत्र में बदलाव लाने का पूरा श्रेय दिया जाता है।
सूत्रों के अनुसार, कैबिनेट में विस्तार के साथ कुछ नए चेहरों को भी शामिल किया जा सकता है। इन सभी कयासों के अलावा यह भी कहा जा रहा है कि मोदी सुपर कैबिनेट का कंसेप्ट ला सकते हैं। सुपर मिनिस्ट्री कंसेप्ट बनाया जा सकता है। रेल मंत्रालय की जगह मोदी सुपर ट्रांसपोर्ट मंत्रालय बना सकते हैं जिसमें भूतल परिवहन को भी शामिल किया जा सकता है। परिवहन से जुड़े सभी मामलों के लिए एक ही मंत्रालय होने का प्रस्ताव साल 2014 में आया था। यह प्रस्ताव अमेरिका की यूनिफाइड मिनिस्ट्री ऑफ ट्रांसपोर्ट से प्रेरित होकर लाया गया था ।
वहीं ऊर्जा के क्षेत्र में भी अलग-अलग मंत्रालयों को हटाकर मोदी सरकार सिर्फ एक मंत्रालय से काम कर रही है। ऊर्जा मंत्री पीयुष गोयल के काम की लगातार सराहना हो रही है। माना जा रहा है कि उन्हें भी फुल कैबिनेट पोस्ट दी जा सकती है। फेरबदल के बाद नया रक्षा मंत्री मिलना भी तय है। यह पद फिलहाल वित्त मंत्री अरुण जेटली संभाल रहे हैं, पर्रिकर ने गोवा का मुख्यमंत्री बनने के लिए यह पद छोड़ा था। वहीं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का स्वास्थ्य पिछले कुछ महीनों से ठीक नहीं है। सूत्रों की मानें तो वह एक ऐसा मंत्रालय चाह रही हैं जहां उनकी सेहत की वजह से काम करने में उन्हें अधिक परेशानी न हो। खबरों की मानें तो इस संबंध में उन्होंने पीएम मोदी से बात भी कर ली है।