प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में कुपोषण और इससे संबंधित समस्याओं की रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा की। सरकारी व्यक्तव्य के मुताबिक, ‘एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक के दौरान कुपोषण की मौजूदा स्थिति और इससे संबंधित अन्य समस्याओं पर चर्चा हई। इस बैठक में प्रधानमंत्री कार्यालय, नीति आयोग और अन्य मंत्रालयों के अधिकारी शामिल हुए।’ बैठक के दौरान कुछ अन्य विकासशील देशों के सफल पोषण कार्यक्रमों के बारे में भी चर्चा हुई।
Delhi: PM Modi chairs high level review meet on under-nutrition & related problems, attended by officials from PMO, NITI Aayog and other Ministries. PM stressed on need to work towards concrete objectives to reduce stunting, under-nutrition, low birth weight, & anemia. pic.twitter.com/guL4iwg7F2
— ANI (@ANI) November 25, 2017
बयान के मुताबिक, ‘प्रधानमंत्री ने कुपोषण, जन्म के समय कम वजन होना और एनीमिया को कम करने की दिशा में काम करने पर जोर दिया।’ उन्होंने कहा कि 2022 तक यानी स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ तक इसके सकारात्मक परिणाम नजर आने लगेंगे। मोगी ने कहा, ‘वरिष्ठ अधिकारियों ने बार-बार जोर देकर कह रहे हैं कि स्वच्छ भारत अभियान, मिशन इंद्रधनुष, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ और प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना जैसी सरकारी पहलों से पोषण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि वांछित परिणाम हासिल करने के लिए पोषण के महत्व को लेकर सामाजिक जागरूकता बढ़ाना आवश्यक है। उन्होंने जागरूकता बढ़ाने के लिए अनौपचारिक माध्यमों के इस्तेमाल पर जोर दिया।