नयी दिल्ली : संसद का कल से शुरू हो रहा सत्र हंगामेदार रहेगा जहां एक दिन पहले आज विपक्षी दलों ने कहा कि वे इस सत्र के दौरान गौ रक्षकों से जुड़े घटनाक्रम, कश्मीर घाटी में तनाव जैसे मुद्दों को उठायेंगे, साथ ही सदन में महिला आरक्षण विधेयक को अमलीजामा पहनाने की मांग करेंगे। सरकार ने सत्र से पहले आज सर्वदलीय बैठक बुलाई है और सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने के बारे में सहयोग मांगा है। बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार, केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, माकपा महासचिव सीताराम येचूरी जैसे नेता मौजूद थे।
सर्वदलीय बैठक के बाद कांग्रेस ने कहा कि बंदूक कश्मीर में तनाव समाप्त करने का रास्ता नहीं हो सकता है और वह अन्य विपक्षी दलों के साथ कल से शुरू हो रहे संसद सत्र के दौरान इस विषय को उठायेगी। जबकि माकपा का कहना है कि सरकार को गौ रक्षा के नाम पर निर्दाेष लोगों को मारे जाने के बारे में जवाब देना चाहिए।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने सरकार को बताया है कि आतंरिक और बाहय सुरक्षा से जुड़े कुछ संवेदनशील मुद्दे है और संसद सत्र के दौरान इन पर चर्चा किये जाने की जरूरत है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि पहले जब भी कश्मीर का मुद्दा उठा, उसमें पाकिस्तान के बारे में चर्चा हुई। लेकिन अब हम चीन के बारे में पढ़ और सुन रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर सरकार के साथ हैं लेकिन कश्मीर मुद्दे के समाधान के तरीके के बारे में हमारे अलग विचार है। आजाद ने कश्मीर की वर्तमान स्थिति के बारे में सरकार को जिम्मेदार ठहराया। कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार ने कश्मीर में बातचीत के दरवाजे और खिड़कियां बंद कर दी है जिससे राजनीतिक घुटन की स्थिति बनी है। बंदूर से कश्मीर में तनाव का समाधान नहीं निकाला जा सकता है।
माकपा महासचिव सीताराम येचूरी ने कहा कहा कि संसद के संभवत: सबसे छोटे मानसून सत्र में सरकारी ने 16 विधेयक सूचिबद्ध किये हैं। उन्होंने जोर दिया कि प्रत्येक दिन हम गौ रक्षा के नाम पर निर्दाेष लोगों से मारपीट और कई बार हत्या से जुड़ी घटनाओं को देख रहे हैं। इसके बारे में चर्चा होनी चाहिए और सरकार को इसका जवाब देना चाहिए।