सेना के जम्मू के निकट नगरोटा शिविर पर दो साल पहले हुए आतंकवादी हमले की जांच कर रही राष्ट्रीय जाचं एजेन्सी (एनआईए) को आज उस समय बडी कामयाबी मिली जब उसने पाकिस्तानी आतंकवादियों की मदद करने के आरोप में कुपवाड़ के सैयद मुनीर अल हसन कादरी को गिरफ्तार किया।
एनआईए के प्रवक्ता ने आज बताया कि जम्मू कश्मीर पुलिस ने अभियुक्त की गिरफ्तारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है।
29 नवम्बर 2016 को हुए इस हमले में सात सैन्यकर्मी शहीद हो गये थे और तीन अन्य घायल हुए थे। इस दौरान हुई मुठभेड में तीन पाकिस्तानी आतंकवादी मारे गये थे और उनसे भारी मात्रा में हथियार, गोला बारूद, विस्फोटक सामग्री और कई अन्य वस्तुएं बरामद की गयी थी।
एनआईए प्रवक्ता ने बताया कि आरंभिक पूछताछ में अभियुक्त ने बताया है कि यह हमला प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद के आतंकवादियों ने किया था और इसी साजिश पाकिस्तान में ही रची गयी थी। अभियुक्त ने कहा कि घाटी में रहने वाले जैश के कुछ अन्य सदस्यों के साथ वह पाकिस्तान में बैठे जैश के आकाओं के संपर्क में था।
उसने बताया कि तीनों आतंकवादी हमले से एक दिन पहले सांबा सेक्टर में घुसे और वह जैश के अन्य सदस्यों के साथ उनसे मिला तथा उन्हें एक होटल में ले गया। इसके बाद उन लोगों ने हमलावरों को नागरोटा शिविर के बाहर छोड दिया और घाटी की तरफ चले गये।
पाकिस्तानी आतंकवादियों ने 29 नवम्बर 2016 के तडके सेना के शिविर पर हमला बोला। उस समय शिविर में रहने वाले ज्यादाजर जवान सौ रहे थे1 अभियुक्त से अभी पूछताछ की जा रही है।
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