लंदन : भारत और ब्रिटेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में तकनीकी, व्यापार और निवेश के मुद्दों समेत नौ समझौतों पर दस्तखत किए हैं। दोनों देशों ने अंतरराष्ट्रीय अपराधों को खत्म करने के उद्देश्य से सूचना के आदान-प्रदान और सहयोग के लिए भी सहमति पत्र पर दस्तखत किए हैं। अपराधियों के रिकार्ड के आदान-प्रदान के साथ ही संगठित अपराधों को खत्म करने के लिए भी समझौता किया गया है।
इसके अलावा, दोनों देशों ने साइबर संबंधों के साथ ही स्वतंत्र, मुक्त, शांतिपूर्ण और सुरक्षित साइबर स्पेस के संबंध में समझौते के अलावा, साइबर सुरक्षा प्रबंधन पर भी समझौते किए हैं। सूचनाओं के आदान-प्रदान में सहयोग पर समझौता हुआ है।
इससे पूर्व, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरीजा मे से मुलाकात के दौरान आश्वासन दिया कि ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग होने से द्विपक्षीय व्यापार को और बढ़ाने के बेहतर अवसर मिले हैं। दोनों नेताओं ने भारत और ब्रिटेन के संबंधों में विभिन्न आयामों पर लाभकारी बातचीत की। इस दौरान आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई, कट्टरवाद और ऑनलाइन कट्टरवाद पर भी चर्चा हुई। इसके बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय से बकिंघम पैलेस में मुलाकात की और साझा हितों पर बातचीत की।
पीएम मोदी ने ब्रिटिश पीएम टेरीजा मे से की मुलाकात
पीएम मोदी ने सुबह सबसे पहले ब्रिटिश पीएम टेरीजा मे से उनके सरकारी आवास 10 डाउनिंग स्ट्रीट में ब्रेकफास्ट पर मुलाकात की। मे ने गर्मजोशी के साथ मोदी से हाथ मिलाते हुए कहा-‘लंदन में आपका बहुत स्वागत है प्रधानमंत्री।’ मुलाकात के बाद मोदी ने ट्वीट करके बताया कि प्रधानमंत्री मे के साथ उनकी कई मुद्दों पर लाभकारी बातचीत हुई है। उन्हें भरोसा है कि इस मुलाकात से हमारे संबंधों में नई ऊर्जा आएगी। वहीं, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया कि दोनों नेताओं ने ब्रेक्जिट के बाद के हालात पर चर्चा करते हुए द्विपक्षीय संबंधों में नई ऊर्जा भरने और उसे पुनर्परिभाषित करने पर गहन चर्चा की। ब्रेक्जिट का अर्थ है 23 जून, 2016 को ब्रिटेन का 28 देशों के यूरोपीय संघ को छोड़ने का जनमत संग्रह करना।
मोदी और टेरीजा मे की बैठक के बाद 10, डाउनिंग स्ट्रीट की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सीरिया पर हवाई हमले, आतंकवाद पर कार्रवाई, कट्टरपंथ और ऑनलाइन कट्टरवाद पर दोनों नेताओं ने प्रमुखता से चर्चा की है। डाउनिंग स्ट्रीट के प्रवक्ता के अनुसार पीएम मोदी ने कहा कि ब्रेक्जिट के बाद भारत के लिए ब्रिटेन के प्रति महत्व में कोई कमी नहीं आएगी। वैश्विक बाजार के संदर्भ में लंदन भारत के बहुत महत्व रखता है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री मे ने मोदी को ईयू से अलग होने के कार्य में प्रगति पर जानकारी दी। मे ने कहा कि मार्च में इसके अमल पर सहमति से भारतीय कंपनियों और निवेशकों की पहुंच ब्रिटिश बाजार में मौजूदा शर्तो पर ही होगी। और यह वर्ष 2020 के अंत तक जारी रहेगी। डाउनिंग स्ट्रीट के जारी बयान के अनुसार ब्रिटिश पीएम के वर्ष 2016 में भारत दौरे के बाद दोनों देशों के द्विपक्षीय रक्षा और सुरक्षा सहयोग में प्रगति हुई है। रक्षा के प्रमुख सामरिक क्षेत्रों में साझेदारी को लेकर कई समझौते हुए हैं।
मे और मोदी ने ब्रिटेन और भारत की नई टेक साझेदारी पर भी चर्चा की। इससे दोनों अर्थव्यवस्थाओं में निवेश बढ़ने के साथ ही हजारों नौकरियां मिलेंगी। दोनों देश संयुक्त व्यापार समीक्षा भी करेंगे ताकि व्यापार की रुकावटों को दूर किया जा सके।
आज बकिंघम पैलेस में रात्रिभोज
देर शाम को पीएम मोदी 91 वर्षीय ब्रिटिश महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के न्योता पर उनसे बकिंघम पैलेस में मिले। राष्ट्रमंडल की प्रमुख महारानी ने पीएम मोदी के सम्मान में यह भेंट रखी थी। मोदी यहां गुरुवार को राष्ट्रमंडल देशों के राष्ट्राध्यक्षों की बैठक में भी हिस्सा लेंगे। महारानी इसी दिन राष्ट्रमंडल के सभी राष्ट्राध्यक्षों को अपने महल में रात्रिभोज भी देंगी।
पाकिस्तान पर निशाना साधने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को 2016 के सर्जिकल हमलों का जिक्र किया। इस दौरान पीएम ने कहा कि भारत आतंकवाद का निर्यात करने वालों को बर्दाश्त नहीं करेगा और उन्हें उसी भाषा में जवाब देगा ‘जो उन्हें समझ आती है।’
भारत बदल गया है अब पुराने तौर-तरीकों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा ः मोदी
लंदन के सेंट्रल हॉल वेस्टमिंस्टर में ‘भारत की बात, सबके साथ’ कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा, जब ‘किसी ने आतंक के निर्यात की फैक्ट्री लगा ली हो और हम पर पीछे से हमले की कोशिशें करता हो तो मोदी उसी भाषा में जवाब देना जानता है।’ कार्यक्रम में एक शख्स ने जब सर्जिकल हमलों पर सवाल किया तो पीएम मोदी ने जवाब दिया, ‘जिन्हें आतंक का निर्यात पसंद है, मैं उनसे कहना चाहता हूं कि भारत बदल गया है और उनके पुराने तौर-तरीकों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।’
जिस शख्स ने यह सवाल किया उसे बोलने में मुश्किल आ रही थी। उसने एक दूसरे शख्स की मदद से सर्जिकल हमलों पर सवाल किया जिस पर प्रधानमंत्री ने जवाब दिया और उस व्यक्ति की हिम्मत और समर्पण की तारीफ की। उन्होंने कहा, ‘हम शांति में यकीन रखते हैं. लेकिन हम आतंक का निर्यात करने वालों को बर्दाश्त नहीं करेंगे। हम उन्हें करारा जवाब देंगे और उसी भाषा में देंगे जिसे वे समझते हैं. आतंकवाद कभी मंजूर नहीं किया जाएगा।’
पहले पाक को बताया फिर मीडिया को
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें सेना पर नाज है क्योंकि उन्होंने सर्जिकल हमलों को सटीक अंजाम दिया और सुबह होने से पहले ही अपना काम पूरा कर वह लौट आई। पीएम ने बताया कि कैसे भारत ने हमलों के बारे में पहले पाकिस्तान को बताया और फिर मीडिया और लोगों को बताया। उन्होंने कहा, ‘मैंने कहा कि जब भारत को पता चले उससे पहले ही हमें पाकिस्तान को कॉल करके बता देना चाहिए। हम उन्हें सुबह 11 बजे से ही फोन कर रहे थे लेकिन वे फोन पर आने से भी डरे हुए थे। 12 बजे हमने उनसे बात की और तब भारतीय मीडिया को बताया।’
भारत के इतिहास का जिक्र कर मोदी ने जोर देकर कहा कि भारत किसी की जमीन पर कब्जा करने के बारे में नहीं सोचता। मोदी ने कहा, ‘पहले और दूसरे विश्व युद्ध के दौरान हमारा कोई लेना-देना नहीं था, लेकिन हमारे सैनिकों ने जंग में हिस्सा लिया. ये बड़े त्याग थे। संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षा बलों में हमारी भूमिका को देखिए।’ यह पूछे जाने पर कि सेना की वीरता पर सवाल उठाने वाले कुछ लोगों के बारे में वह क्या सोचते हैं। इस पर मोदी ने कहा कि वह इस मंच का इस्तेमाल किसी की आलोचना के लिए नहीं करना चाहते।
उन्होंने कहा, ‘मैं बस उम्मीद करता हूं कि ईश्वर उन्हें सद्बुद्धि दे.’ इस पर हॉल में बैठे लोगों ने खूब ठहाके लगाए। आर्मी ने 28-29 सितंबर 2016 की दरम्यानी रात एलओसी के पार जाकर चार आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल हमला किया था जिसमें करीब 20 आतंकी मारे गए थे।
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