नयी दिल्ली : आप ने आभूषण कारोबारी नीरव मोदी से जुड़े लगभग 11400 करोड़ रुपये के घोटाला मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने आज कहा कि पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) को नीरव मोदी द्वारा कथित तौर पर 11 हजार करोड़ रुपये की चपत लगाने के इस मामले से जुड़े कुछ दस्तावेजी सबूतों से साफ है कि पीएमओ के संज्ञान में यह मामला जुलाई 2016 में ही लाया गया था, इसके बावजूद सरकार ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। इस बीच भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ गत 23 जनवरी को दावोस गये भारतीय प्रतिनिधिमंडल में नीरव मोदी के शामिल होने का खंडन किया है। वरिष्ठ भाजपा नेता एवं केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संवाददाताओं से कहा कि नीरव मोदी प्रधानमंत्री के साथ गये शिष्टमंडल में शामिल नहीं थे, वह खुद वहां पहुंचे थे।
आप नेता संजय सिंह ने संवादाताओं से कहा कि नीरव मोदी की कथित धोखाधड़ी से अवगत होने के बावजूद सरकार द्वारा इस पर कोई कार्रवाई करने के बजाय आरोपी व्यक्ति को प्रधानमंत्री के विदेश दौरे में प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनाया जाना गंभीर सवाल खड़े करता है। सिंह ने कहा कि जनवरी 2017 में नीरव मोदी के ठिकानों पर आयकर विभाग के छापों के एक साल बाद दावोस में 23 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ नीरव की तस्वीरों से साफ है कि सरकार इस प्रकरण से अनभिज्ञ नहीं थी। इस दौरान आप के प्रवक्ता राघव चड्ढा ने इस मामले के दस्तावेजी सबूत पेश करते हुये कहा कि 26 जुलाई 2016 को एक व्हिसल ब्लोअर हरि प्रसाद ने पीएमओ को पत्र लिखकर नीरव द्वारा पीएनबी को भारी वित्तीय नुकसान पहुंचाने की सूचना दी थी। चड्ढा ने कहा कि पत्र में हरि प्रसाद ने पीएमओ को यह भी बताया कि वह इससे पहले वित्त मंत्री सहित वित्तीय गड़बड़ियों की जांच से जुड़ी सभी एजेंसियों के संज्ञान में यह मामला ला चुके हैं। लेकिन, इस पर कोई कार्रवाई नहीं होने के बाद वह पीएमओ को मामले की सूचना दे रहे हैं।
चड्ढा ने कहा कि प्रधानमंत्री के दावोस दौरे के पांच दिन बाद पीएनबी ने सीबीआई को पत्र लिखकर घोटाले की सूचना देते हुये आरोपियों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि घटनाक्रम से साफ है कि पीएमओ को इस मामले की पहले से जानकारी थी, इसके बावजूद इतने बड़े घोटाले से आंखें मूंदे रखना सरकार की मंशा पर गंभीर सवाल खड़े करता है। आप नेताओं ने कहा कि यह घोटाला साल 2011 से हो रहा था, ऐसे में कांग्रेस भी इस मामले में अपनी जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकती।
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