पटना : जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने आज कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के साथ हाथ मिलाकर राज्य के 11 करोड़ लोगों के विश्वास को तोड़ा है। श्री यादव ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि श्री कुमार को बिहार के 11 करोड़ लोगों ने विधानसभा के चुनाव में बड़े ही विश्वास के साथ अपार समर्थन दिया था लेकिन उन्होंने महागठबंधन से अलग होकर भाजपा से हाथ मिलाकर उस विश्वास को कुचलने का काम किया है।
मतदाता से किये गये वादे को उन्होंने तोड़ दिया है। पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि इतिहास में अभी तक ऐसा देखने को नहीं मिला है। श्री कुमार अब कह रहे हैं कि वह महागठबंधन बनाकर दिक्कत में थे लेकिन उन्हें यह बताना चाहिए कि महागठबंधन बनाने के समय सभी दरवाजे पर दस्तक दी थी। उन्होंने कहा कि जिस समय महागठबंधन बन रहा था उस समय भी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव पर पशुपालन घोटाले से संबंधित मामला चल रहा था।
श्री यादव ने कहा कि राजद तो श्री कुमार के साथ महागठबंधन बनाने के लिये तैयार भी नही था लेकिन बिहार और देश के हित में ऐसा किया गया। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि अब तो उनके खिलाफ भी श्री कुमार ने कार्रवाई कर दी है। लोकतंत्र में जनता मालिक होती है और वह सब देख रही है।
प्रदेश की जनता अपने को ठगा महसूस कर रही है और समय आने पर इसका जवाब देगी। पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि श्री कुमार प्रदेश में सिर्फ सरकार चला रहे हैं जबकि उनकी राजनीतिक ताकत समाप्त हो गयी है। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग को लेकर श्री कुमार प्रदेश के लोगों के नाखून और बाल काटकर भेज रहे थे लेकिन अब तक विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिल सका।
श्री यादव ने कहा कि श्री कुमार इन दिनों जापान की यात्रा पर हैं। पिछले 13 वर्षों से श्री कुमार मुख्यमंत्री के पद पर बने हुए है लेकिन राज्य में कोई नया उद्योग नहीं लग सका। उन्होंने कहा कि बिहार में स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में भारी गिरावट हुयी है। इसी तरह राज्य में विधि-व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। उन्होंने कहा कि नये नियम के कारण बालू की हो रही किल्लत से आम लोगों के साथ ही मजदूरों को काफी कठिनाई हो रही है। शराबबंदी के कारण सबसे अधिक गरीब लोग ही जेल में बंद हैं।
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