भोपाल : मध्यप्रदेश के वन मंत्री गौरीशंकर शेजवार ने चरण पादुका योजना मे दी जाने वाली सामग्री का पैसा बोनस राशि से काटे जाने वाले दुष्प्रचार को असत्य बताते हुए कहा कि इस योजना के अमल से तेंदूपत्ता संग्राहकों की बोनस राशि पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
शेजवार ने कहा कि तेंदूपत्ता संग्राहकों को चरण-पादुका योजना में जूते-चप्पल, पानी की बॉटल और महिला श्रमिकों को इनके साथ साड़ देने की अनूठी पहल को राजनैतिक चश्मे से देखा जाना गलत है।
यह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की संवेदनशीलता का परिणाम है, कि उन्होंने न केवल तेंदूपत्ता संग्राहकों की प्रति मानक बोरा संग्रहण राशि इसी साल 1200 से बढ़कर 2000 रुपये की, बल्कि अधोसंरचना विकास के साथ मानव विकास की भी पहल की है।
उन्होंने संग्राहकों को तपती धूप, कांटों, कीड़े-मकोड़ से सुरक्षा के लिये जूते-चप्पल और गर्मी से व्याकुल कंठ के लिये पानी की बॉटल देने के निर्देश दिये। शासन ने चरण-पादुका योजना के अमल में तेंदूपत्ता श्रमिकों की बोनस राशि में से कोई कमी नहीं की है। यह दुष्प्रचार बिल्कुल असत्य और भ्रामक है।
उन्होंने कहा कि तेंदूपत्ता संग्राहकों को बोनस राशि तेंदूपत्ता व्यवसाय के लाभांश में से बांटी जाती है। कुल लाभांश की 70 प्रतिशत राशि बोनस के रूप में बंटती है। शेष 30 प्रतिशत राशि शासन द्वारा वन क्षेत्रों और तेंदूपत्ता क्षेत्रों के अधोसंरचना विकास और तेंदूपत्ता संग्राहकों के विकास की कल्याणकारी योजनाओं पर खर्च की जाती है। डॉ। शेजवार ने कहा कि इस वर्ष भी संग्राहकों को बोनस राशि पूरी मिलेगी। और उसमें कोई कमी नहीं होगी।
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