नयी दिल्ली : पूर्वोत्तर राज्यों में आये निराशाजनक चुनाव नतीजों से भले ही कांग्रेस के उत्साह में कमी आयी हो किंतु पार्टी नेताओं का मानना है कि इन नतीजों से कर्नाटक पर कोई असर नहीं होगा, जहां पार्टी अपनी सत्ता बरकरार रहने को लेकर आश्वस्त है। पार्टी के एक नेता ने कहा कि पूर्वोत्तर में भाजपा की जीत एक ‘‘विचलन’’ है जिससे देश भर में ‘‘कांग्रेस के फिर से उदय’’ की झलक नहीं मिलती। कांग्रेस को मेघालय में जहां बहुमत नहीं मिला वहीं वह त्रिपुरा एवं नगालैंड में एक भी सीट नहीं जीत पायी। पार्टी नेताओं का दावा है कि वे इस नतीजों को लेकर परेशान नहीं हैं और वे कर्नाटक में सफलता पाने को लेकर आश्वस्त हैं। कर्नाटक विधानसभा के चुनाव जल्द ही निर्धारित हैं।
कांग्रेस के सूत्रों ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र की अपनी सीमितताएं हैं और इससे दक्षिण भारत के लिए कोई सबक हासिल नहीं किया जा सकता। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के देश से बाहर होने के कारण पार्टी नेता पूर्वोत्तर में अपनी हार के बारे में चर्चा या विश्लेषण करने से बच रहे हैं। पार्टी के सूत्र मानते हैं कि राजस्थान एवं मध्य प्रदेश में हाल के उप चुनावों में कांग्रेस को मिली सफलता और गुजरात विधानसभा चुनाव में उसके अच्छे प्रदर्शन से पार्टी में जो उत्साह का माहौल बना था, पूर्वोत्तर राज्यों के कल आये चुनावी नतीजों ने उस पर काफी हद तक तुषारापात किया है।
बहरहाल, पार्टी के प्रवक्ता एवं रिसर्च प्रकोष्ठ के अध्यक्ष राजीव गौड़ा ने कहा कि पूर्वोत्तर के नतीजे एक ‘विचलन’ है और राष्ट्रीय रूख भाजपा के खिलाफ है। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा का पूर्वोत्तर में विकास पाला बदल कर आये लोगों को प्रोत्साहन देने और भ्रष्ट राजनीतिक नेताओं का समर्थन करने के कारण हो रहा है।’’ गौड़ा ने पीटीआई भाषा से कहा कि इस प्रकार की‘‘खोखली जीत’’ से कर्नाटक पर कोई असर नहीं पड़ेगा जो भाजपा एवं उसके नेताओं का वास्तविक चेहरा पहले ही देख चुका था।
गौड़ा ने कहा कि देश ने देखा कि गुजरात और राजस्थान एवं मध्य प्रदेश किस तरह कांग्रेस का पुनरूद्धार और फिर से उदय हुआ है। ‘भाजपा के भ्रष्टाचार और काम न कर पाने के कारण उसके उसका वास्तविक स्वरूप दिखा दिया गया है।’ उन्होंने कहा,‘‘ परिणामों से जमीनी वास्तविकता नहीं बदल जायेगी जो कांग्रेस के पक्ष में है। ’’ कांग्रेस के एक अन्य नेता का मानना है कि पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा पर भरोसा करने के कारण भाजपा को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी क्योंकि पूर्व में उन्हें जेल हो चुकी है। राज्य के लोगों ने देखा कि 2008 से 2013 तक उनके शासन में भ्रष्टाचार के आरोपों में भाजपा के मंत्रियों को भी जेल भेजा गया था। दोनों नेताओं ने दावा किया कांग्रेस मेघालय में सरकार बनायेगी और वह इसके लिए काम कर रही है। मेघालय में कांग्रेस 21 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।
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