जल्द ही पुरे देश में ड्राइविंग लाइसेंस आधार से लिंक किए जाएंगे। केंद्र सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी कि फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस की समस्या दूर करने के लिए ड्राइविंग लाइसेंसों को आधार नंबर से जोड़ने की प्रक्रिया पर काम हो रहा है। सभी राज्यों को इसके दायरे में लाते हुए एक नया साफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को ये जानकारी दी कि सरकार NIC सारथी 4 नाम का सिस्टम तैयार कर रही है। इसमें देश भर के ड्राइविंग लाइसेंस धारकों का रिकॉर्ड रखा जाएगा। सभी लाइसेंस आधार से लिंक होंगे। इससे फ़र्ज़ी लाइसेंस की समस्या भी खत्म हो जाएगी। इस सिस्टम के आने के बाद ड्राइवर की तरफ से किए गए ट्रैफिक उल्लंघन का भी पूरा ब्यौरा केंद्रीय रिकॉर्ड में होगा। इसके लिए लाइसेंस को पंच करना ज़रूरी नहीं होगा।
सड़क सुरक्षा से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि देश में सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मौत में कमी आई है। 2016 के मुकाबले 2017 में मौत का आंकड़ा 3 फीसदी घटा है। कोर्ट ने इस पर संतोष जताया। अब इस मामले की अगली सुनवाई अप्रैल के पहले हफ्ते में होगी। सड़क सुरक्षा पर अदालत द्वारा नियुक्त समिति ने बुधवार को जस्टिस मदन बी. लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ को सूचित किया। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज केएस राधाकृष्णन इस समिति के अध्यक्ष हैं। आधार योजना और इसका समर्थन करने वाले 2016 के कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय संविधान पीठ सुनवाई कर रही है। ऐसे समय में समिति द्वारा दी गई सूचना महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
शीर्ष अदालत में सौंपी गई रिपोर्ट में समिति ने कहा है कि उसने पिछले वर्ष 28 नवंबर को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सचिव के साथ बैठक की थी। इस बैठक में फर्जी लाइसेंस लेने और इसे खत्म करने सहित विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की गई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि फर्जी लाइसेंस के मुद्दे पर मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने सूचित किया कि नेशनल इन्फार्मेशन सेंटर (NIC) अब सारथी-4 तैयार कर रहा है। इसके तहत सभी लाइसेंस आधार से जु़ड़े होंगे। यह सॉफ्टवेयर सभी राज्यों को कवर करेगा। इससे किसी के लिए देश में कहीं भी डुप्लीकेट या फर्जी लाइसेंस लेना संभव नहीं होगा।
समिति ने कोर्ट से कहा कि उसने पिछले साल 24 नवंबर को पत्र में सभी राज्यों से सड़क सुरक्षा कोष बनाने के लिए कहा था जो खत्म नहीं होगा व इसमें यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों से मिलने वाले जुर्माने की राशि का हिस्सा भेजा जाएगा। कोर्ट ने मामले को 23 अप्रैल के लिए सूचीबद्ध करते हुए कहा कि उसके पहले के निर्देशों पर समिति को अमल सुनिश्चित करना चाहिए। समिति ने देश में सड़क हादसों के मामले को लेकर दायर जनहित याचिका पर ये निर्देश दिए थे।
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