डोकलाम विवाद खत्म हो जाने के बाद भी पूर्वोत्तर राज्य सिक्किम में तिब्बत-भूटान सीमा पर चीन की सैनिकों की तैनाती भारत के लिए चिंता का सबब है जिसको लेकर अब भारतीय सेना ने लद्दाख में सीमा पर चीनी सैनिकों की घुसपैठ पर नजर रखने के लिए ऊंटों के इस्तेमाल की योजना बनाई है।
पायलट प्रोजेक्ट के तहत वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गश्त के लिए सेना एक और दो कूबड़ वाले ऊंटों का इस्तेमाल वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गश्त के लिए करेगी। दो कूबड़ वाले ऊंट लद्दाख की नूब्रा घाटी में पाए जाते हैं। एक मोटे अनुमान के मुताबिक नूब्रा घाटी में दो कूबड़ वाले करीब 200 ऊंट हैं।
इन ऊंटों को गश्त लगाने, गोला-बारूद और दूसरे भारी समान ले जाने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। भारतीय सेना द्वारा परंपरागत रूप से खच्चर का इस्तेमाल होता है। ये ऊंट खच्चरों के मुकाबले दोगुना भार ढो सकते हैं।
बता दें कि भारत में दो कूबड़ वाले ऊंट सिर्फ लद्दाख की नुब्रा घाटी में पाए जाते हैं। वहीं प्रोजेक्ट की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रीय ऊंट अनुसंधान केंद्र बीकानेर से सेना को एक कूबड़ वाले चार ऊंट पहले ही दिए जा चुके हैं।
डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ हाई अल्टीट्यूड रिसर्च (डीआईएचएआर) के मुताबिक, लद्दाख की नुब्रा घाटी में 200 से ज्यादा 2 कूबड़ वाले ऊंट मौजूद हैं। इन सभी ऊंटों को लद्दाख के बर्फीले मौसम और ऊंची पहाड़ियों में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
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