भारत और चीन सीमा पर तनातनी बनी हुई है सिक्किम में भारत और चीन की सेना के बीच विवाद जारी है । इस बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने PM मोदी से मुलाकात की और भारत और चीन सीमा के हालात की जानकारी दी। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और PM मोदी मुलाकात संसद में हुई । आपको बता दे कि विदेश सचिव चीन से तनाव के मुद्दे पर आज संसदीय कमेटी को ब्रीफ करेंगे। भारत चीन तनाव मुद्दे पर लोकसभा में समाजवादी पार्टी ने स्थगन प्रस्ताव भी दिया था।
आपको बता दे कि पिछले एक माह से सिक्किम के डोकलाम बॉर्डर पर चीन और भारत के आर्मी आमने-सामने हैं। आज चीन और तिब्बत के आर्मी ने भारतीय बॉर्डर पर युद्धाभ्यास भी किया।
इससे पहले चीन भारत को धमकी दे रहा है कि वह डोकलाम बॉर्डर से अपने सैनिक वापस बुलाए। बीजिंग में भारतीय राजदूत समेत दूसरे मुल्क के राजदूतों से चीन कह रहा है कि अगर भारत अपने सैनिकों को वापस नहीं बुलाने पर युद्ध की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
हालांकि भारत और चीन सीमा पर तनातनी लेकर चीन बौखलाया हुआ है वही चीनी मीडिया भी लगातार भारत को युद्ध की धमकी दे रहा है। सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के छपे लेख में दावा किया गया है कि डोकलाम पठार के पास सड़क बनाने से चीनी सेना को रोकने की भारतीय कार्रवाई चीन की सम्प्रभुता का गंभीर उल्लंघन है यह सड़क भारत-चीन-भूटान की सम्मिलित सीमा के पास है। वही डोकलाम में भारत ने चीन के सड़क निर्माण पर चिंता जताई है ।
जानिए , क्या है भारत चीन विवाद का पूरा मामला
> दोनों देशों के बीच 3,500 किमोलीटर (2,174 मील) लंबी सीमा है।
> भारत और चीन चुंबी घाटी के इलाके में आमने-सामने है, जहां भारत-भूटान और चीन तीन देशों की सीमाएं मिलती हैं। डोकलाम पठार चुंबी घाटी का ही हिस्सा है जहां भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच तनाव हुआ है।
> इस पूरे विवाद से भारत की चिंता इस बात को लेकर है इस इलाके से चीन की तोपें चिकेन्स नेक कहे जाने वाली इस संकरी पट्टी के बेहद करीब तक आ सकती हैं। जो उत्तर पूर्व को पूरे भारत से जोड़ती है।
> डोकाला पठार से सिर्फ 10-12 किमी पर ही चीन का शहर याडोंग है। जो हर मौसम में चालू रहने वाली सड़क से जुड़ा है डोकाला पठार नाथूला से सिर्फ 15 किमी की दूरी पर है।
> भूटान सरकार भी डोकाला इलाके में चीन की मौजूदगी का विरोध कर चुकी है, जो कि जोम्पलरी रिज में मौजूद भूटान सेना के बेस से बेहद करीब है।
> जून की शुरुआत में चीनी वर्करों ने याडोंग से इस इलाके में सड़क को आगे बढ़ाने की कोशिश की, जिसकी वजह से ठीक इसी इलाके में भारतीय जवानों ने उन्हें ऐसा करने से रोका।