संसद में पिछले सात दिन से लगातार जारी गतिरोध के बीच कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने सरकार पर चर्चा से भागने का आरोप लगाया और दावा किया कि वह किसानों सहित प्रमुख मुद्दों पर संसद में सरकार की जवाबदेही तय करेगी। संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर मंगलवार को विपक्षी दलों का रात्रिभोज हुआ जिसमें माकपा, भाकपा, तृणमूल कांग्रेस, बसपा, सपा, जदएस, राजद सहित 20 विपक्षी दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया। बैठक में मौजूदा राजनीतिक हालात सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई।
रात्रिभोज में राकांपा के शरद पवार, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय, सपा के रामगोपाल यादव, बसपा के सतीशचंद्र मिश्र, राजद से मीसा भारती और तेजस्वी यादव, माकपा से मोहम्मद सलीम, भाकपा से डी राजा, द्रमुक से कनिमोई, और शरद यादव आदि ने हिस्सा लिया। कांग्रेस की ओर से पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, गुलाम नबी आजाद, अहमद पटेल, ए के एंटनी आदि ने भाग लिया।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस रात्रिभोज के बाद ट्वीट कर कहा, ”संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी जी की मेजबानी में आज शानदार रात्रिभोज। विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के लिए औपचारिक रूप से मिलने एवं संबंध बनाने का अवसर।” राहुल ने कहा, ”काफी राजनीतिक चर्चा किन्तु इससे भी महत्वपूर्ण खासी सकारात्मक ऊर्जा, गर्मजोशी एवं वास्तविक स्नेह।” राहुल ने इस ट्वीट के साथ रात्रिभोज की तस्वीरें भी टैग की हैं जिसमें वह शरद पवार समेत विभिन्न नेताओं के साथ दिख रहे हैं।
Fabulous dinner tonight, hosted by UPA Chairperson, Sonia Gandhi Ji. An opportunity for leaders from different political parties to meet and bond, informally.
Much political talk but much more important – tremendous positive energy, warmth and genuine affection. pic.twitter.com/IxaAm7UPoI
— Office of RG (@OfficeOfRG) March 13, 2018
रात्रि भोज के बाद कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं को बताया कि यह प्रीति और मैत्री वाला रात्रि भोज था। कांग्रेस का मानना है कि जहां सरकार दीवार खड़ी करेगी, वहीं हम मित्रता, सौहार्द एवं मिलकर साथ चलने का रास्ता तैयार करेंगे।
उन्होंने कहा कि यह रात्रिभोज राजनीति के लिए नहीं था। पर स्वाभाविक है कि जहां सरकार संसद चलाने को इच्छुक नहीं है तो वे राजनीतिक नेता, जो अपने क्षेत्रों के लोगों की समस्याओं को लेकर जागरूक और चिंतित हैं, जब मिलेंगे तो प्रदेश और देश की राजनीति पर चर्चा अवश्य होगी।
सुरजेवाला ने कहा कि इन नेताओं के बीच गरीबों, युवाओं और किसानों को लेकर बातचीत हुई। उन्होंने कहा कि देश की धुरी संसद में सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित हो, इस बारे में अनौपचारिक बातचीत होना भी स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि इस रात्रिभोज का एक ही मकसद है.. सौहार्दपूर्ण और मित्रता वाले माहौल में विपक्षी नेता बैठकर व्यक्तिगत और राष्ट्र से जुड़े मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान कर सकें।
एक प्रश्न के उत्तर में सुरजेवाला ने कहा, ‘‘ आज जब देश के सामने विकट संकट हैं। सरकार की नाक के नीचे से करोड़ों रूपये लेकर भगोड़े भाग गये। हजारों किसान सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर सरकार के पास अपनी व्यथा सुनाने पहुंचे, पर सरकार उनकी बात सुन नहीं रही। आज जब बेरोजगारी सिर चढ़कर बोल रही है। भ्रष्टाचार का बोलबाला है। ऐसे में विपक्षी नेता, भले ही उनसे हमारा मतभेद हो, पर वे राष्ट्रीय हित में इन मुद्दों का समाधान निकालने के लिए चिंतित हैं।”
सुरजेवाला ने कहा कि संसद चलाने की जिम्मेदारी सत्ता पक्ष की है। अगर संसद में कोई गतिरोध उत्पन्न कर रहा है तो वह सत्ता पक्ष के लोग हैं, विपक्ष के नेता नहीं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और विपक्षी नेता चाहते हैं कि सरकार की संसद में जवाबदेही तय हो। सरकार चर्चा से भाग रही है । किंतु हम यह सुनिश्चित करेंगे कि संसद भी चले और सरकार की जवाबदेही भी तय हो।
रात्रिभोज में तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी, बसपा प्रमुख मायावती और सपा प्रमुख अखिलेश यादव के नहीं आने के बारे में पूछे जाने पर सुरजेवाला ने कहा कि इन पार्टियों के संसद के नेता इस रात्रिभोज में आये हैं। इस मित्रतापूर्ण रात्रिभोज को राजनीतिक तौर पर इससे अधिक नहीं देखा जाना चाहिए।
सोनिया गांधी के इस रात्रिभोज को 2019 के लोकसभा चुनाव में राजग के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा खड़ा करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार रात्रि भोज में तृणमूल के सुदीप बंदोपाध्याय, नेशनल कांफ्रेंस के उमर अब्दुल्ला, एआईयूडीएफ, झामुमो के हेमंत सोरेन, रालोद के अजित सिंह, आईयूएमएल के कुट्टी, जेवीएम के बाबूलाल मरांडी, आरएसएपी के रामचन्द्रन, शरद यादव, हिन्दुस्तानी वाम मोर्चा के जीतनराम मांझी, जदएस के डा. कुपेन्द्र रेड्डी तथा केरल कांग्रेस के प्रतिनिधि ने भाग लिया।
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