सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा कि उसकी ‘‘वास्तविक चिंता’’ यह देखना है कि कठुआ में आठ वर्षीय बच्ची से कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म एवं हत्या मामले की निष्पक्ष सुनवाई हो। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर एवं न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि निष्पक्ष सुनवाई की संभावना में जरा भी कमी नजर आने पर हम मामले की सुनवाई कठुआ से बाहर स्थानांतरित कर देंगे। पीठ ने कहा कि सुनवाई ना सिर्फ आरोपी बल्कि पीड़ित परिवार के लिए भी निष्पक्ष होनी चाहिए तथा उनकी एवं उनके वकीलों की सुरक्षा सुनिश्चित होनी चाहिए।
मामले में न्याय की राह में वकीलों द्वारा कथित रूप से बाधा खड़ी करने के मुद्दे पर विचार करते हुए न्यायालय ने कहा कि अगर वे गलत पाये जाते हैं तो उनके खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई की जायेगी। सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने कहा कि वास्तविक मुद्दा मामले की निष्पक्ष सुनवाई का है। अल्पसंख्यक खानाबदोश समुदाय से ताल्लुक रखने वाली यह बच्ची 10 जनवरी को जम्मू के कठुआ के निकट स्थित एक गांव में अपने घर के पास से लापता हो गयी थी। एक सप्ताह बाद उसका शव उसी इलाके में बरामद हुआ था।
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