संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘ पद्मावत‘ को लेकर विवाद खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। 5 संशोधन के बाद फिल्म को सेंसर बोर्ड ने हरी झंडी दे दी है। बावजूद इसके 4 राज्यों राजस्थान, हरियाणा, गुजरात और मध्य प्रदेश सरकार ने फिल्म के रिलीज पर बैन लगा दिया है।
इस मामले को लेकर ‘पद्मावत’ के निर्माता सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए। निर्माताओं ने राज्यों में फिल्म की रोक के खिलाफ याचिका दाखिल की है. इसकी सुनवाई गुरुवार को होगी। निर्माताओं की याचिका में कहा गया है कि जब फिल्म को सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट मिल चुका है तो कई राज्यों में ‘पद्मावत’ पर बैन क्यों लगाया गया?।
आपको बता दें कि मंगलवार को ही हरियाणा ने भी फिल्म पर बैन का ऐलान किया था। राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात में फिल्म पर पहले ही पाबंदी लगाई जा चुकी है।
वहीं , दूसरी तरफ इस फिल्म को लेकर राजस्थान में राजपूत करणी सेना का विरोध अब भी जारी है। मंगलवार को भी राजस्थान के धोलपुर में करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने इस फिल्म को पूरे देश में बैन किए जाने पर विरोध प्रदर्शन किया। कल्वी ने अपने बयान में कहा, ‘मैं बार बार देश के प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों से अनुरोध करता हूं कि हमारी भावनाओं को समझ जाएं।
आपको बता दे कि राजस्थान, हरियाणा, गुजरात और मध्य प्रदेश ने कानून एवं व्यवस्था का हवाला देते हुए फिल्म पर प्रतिबंध लगा दिया है। फिल्म 25 जनवरी को रिलीज होनी है। मंगलवार को हरियाणा कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया गया कि राज्य में फिल्म रिलीज नहीं होगी। हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने कहा, कैबिनेट मीटिंग में तय हुआ कि कानून व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए इसे राज्य में बैन किया जाना चाहिए।
बता दे कि इतना ही नहीं, फिल्म और भी कई राज्यों में बैन होने की पूरी संभावना है। इन सब चीजों को देखते हुए साफ है कि फिल्म पद्मावत को घाटे का सामना करना पड़ सकता है।
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