फलस्तीन ने पाकिस्तान में आतंकी हाफिज सईद से मुलाकात के बाद अपने राजदूत पर कार्रवाई की है। भारत के सख्त दबाव के बाद फलस्तीन ने अपने राजदूत को वापस बुला लिया है। फलस्तीन सरकार के इस कदम से उसके इस्लामाबाद स्थित राजदूत के साथ पाकिस्तान को भी यह जरूरी सबक मिला है कि वह आतंकी सरगना हाफिज सईद का इस्तेमाल कर भारत और फलस्तीन के संबंधों को प्रभावित नहीं कर सकता और न ही अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कश्मीर के हालात फलस्तीन जैसे बताने का दुष्प्रचार कर सकता है।
भारत में फलस्तीन के राजदूत अदनान अबू अल हायजा ने कहा कि पाकिस्तान में आतंकी हाफिज सईद की रैली में शामिल हुए फलस्तीनी राजदूत वलीद अबू अली को वापस बुला लिया गया है। हायजा ने कहा कि भारत और फिलिस्तीन के नजदीकी एवं मित्रतापूर्ण संबंधों को देखते हुए अली का कदम ‘अस्वीकार्य’ है। उन्होंने कहा कि अली को सामान बांधने और इस्लामाबाद छोड़ने के लिए कुछ दिनों का समय दिया गया है।
हायजा ने कहा, फिलिस्तीनी सरकार ने अली को बताया कि वह अब पाकिस्तान में नहीं रहेंगे। पाकिस्तान में फिलिस्तीन के राजदूत वालिद अबु अली ने शुक्रवार को रावलपिंडी के लियाकत बाग में ‘दिफा ए पाकिस्तान काउंसिल’ द्वारा आयोजित एक रैली में कथित तौर पर भाग लिया था। ‘दिफा ए पाकिस्तान काउंसिल’ धार्मिक एवं चरमपंथी समूहों का संगठन है, जिसका प्रमुख मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड हाफिज सईद है।
गौरतलब है कि शुक्रवार को लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद के साथ फिलिस्तीन के राजदूत वलीद अबु अली ने मंच साझा किया था, जिसका भारत ने इसका कड़ा विरोध जताया था।
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