संसद के दोनों सदन लोकसभा और राज्यसभा में हंगामे के कारण कार्यवाही नहीं हो सकी। बजट सत्र के दूसरे चरण के तीन सप्ताह की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ने के बाद लोकसभा में आज लगातार 16वें दिन भी प्रश्नकाल नहीं चल सका और कावेरी प्रबंधन बोर्ड के गठन की मांग को लेकर अन्नाद्रमुक के सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की बैठक शुरू होने के कुछ ही देर बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। आज सुबह सदन की बैठक शुरू होने पर अन्नाद्रमुक के सदस्य पिछले दिनों की तरह आसन के समीप आकर कावेरी प्रबंधन बोर्ड के गठन की मांग करते हुए नारेबाजी करने लगे।
हालांकि तेलंगाना राष्ट्र समिति के सदस्य आज नारेबाजी नहीं कर रहे थे। पिछले सप्ताह तक वे भी आसन के पास आकर तेलंगाना में आरक्षण संबंधी मुद्दे को लेकर नारेबाजी कर रहे थे। तेलुगू देशम पार्टी (TDP) के सांसद आज अपने स्थानों पर बैनर लेकर खड़े थे। टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस बीते 16 मार्च से सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन सदन में हंगामे के कारण प्रस्ताव आगे नहीं बढ़ पा रहा है। हंगामे के बीच ही लोकसभाध्यक्ष ने आज प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया लेकिन नारेबाजी थमते नहीं देख उन्होंने कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
इस दौरान कांग्रेस के सदस्यों को भी शोर-शराबा करते हुए देखा गया। वहीं हंगामे के कारण राज्यसभा को पुरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया है। दरअसल, अन्नाद्रमुक के सदस्यों ने कावेरी मामले और तेलुगू देशम पार्टी के सदस्यों ने आन्ध प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर राज्यसभा में भारी हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी। इस प्रकार 16 वें दिन भी सदन में कोई कामकाज नहीं हुआ। सुबह सदन की कार्यवाही शुरु होने और आवश्यक दस्तावेज पटल पर रखे जाने के बाद अन्नद्रमुक और तेदेपा के सदस्य सदन के बीच में आ गये और नारे लगाने लगे। सभापति एम वेंकैया नायडू ने सदस्यों से व्यवस्थित होने का अनुरोध करते हुए कहा कि 40 सदस्य सेवानिवृत हो रहे हैं जो अपने अनुभव को बतायेंगे।
उन्होंने कहा कि एक दिन आप सभी को भी सेवानिवृत होना है। इसके बाद नायडू ने विपक्ष के नेता से सदन संचालन के संबंध में अपनी राय बताने को कहा। इस पर विपक्ष के नेता गुलाम नवी आजाद ने कहा कि वह सदन की कार्यवाही चलाये जाने के पक्ष में हैं। इसके बाद संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने कहा कि सदन के वरिष्ठ सदस्य 6 साल के कार्यकाल के बाद अवकाश ग्रहण कर रहे हैं। वे अपने सदन के अनुभव को बताना चाहते हैं। सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। इसके बाद भी सदस्यों के सदन के बीच में रहने पर श्री नायडू ने कहा कि वह अपने को असहाय महसूस कर रहे हैं।
सदस्यों का सदन के बीच में आना ठीक नहीं है। नारे लगाने और प्ले कार्ड दिखाने से ताकत नहीं मिलेगी। इसके बाद भी सदस्य अपनी सीट पर नहीं गये तो सभापति ने सभी पार्टियों के नेताओं को अपने कक्ष में आ कर बातचीत करने का अनुरोध करते हुए सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी। दोबारा सदन की कार्यवाही शुरु हुई तो प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी की उपस्थिति में नायडू ने सदस्यों से गरिमापूर्ण ढंग से सदन की कार्यवाही चलने देने का अनुरोध किया। इसके साथ ही अन्नाद्रमुक के तीन सदस्य अपनी सीट के सामने खडे हो गए। सभापति ने कहा कि उनके पास दो ही विकल्प हैं। वह सदन की कार्यवाही स्थगित कर दें या सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई करें। इसके बाद भी अन्नाद्रमुक के सदस्य अपने स्थान पर खडे रहे तो नायडू ने सदन की कार्यवाही कल ज्ञारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
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