तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 56 साल पहले नर्मदा जिले के केवादिया में सरदार सरोवर बांध की आधारशिला रखी थी। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने जन्मदिन 17 सितंबर को इसका उद्घाटन करेंगे जिसके लेकर भोपाल में लोग सरदार सरोवर बांध का विरोध कर रहे हैं। लोग ने सिर मुंडवा और प्रतीकात्मक शव रखकर सरकार का विरोध किया है। इस मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर भी मौजूद रही।
बता दे कि लोगों का कहना है कि बांध के चलते बेघर हुए लोगों के लिए सरकार कुछ नहीं कर रही है विरोध प्रदर्शन कर रहे एक व्यक्ति ने बताया कि ये सरकार शव के समान है, जो किसी की बात नहीं सुनती। हम अपने अधिकार और पुनर्वास की मांग कर रहे हैं।
Bhopal:Ppl shave heads&protst with symbolic body demnding rehabilitation of ppl displacd due to Sardar Sarovar Dam,Medha Patkar also present pic.twitter.com/oD4EccJpXM
— ANI (@ANI) September 14, 2017
आपको बता दें कि सरदार सरोवर बांध दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बांध है। यह नर्मदा नदी पर बना 800 मीटर ऊँचा है। नर्मदा नदी पर बनने वाले 30 बांधों में सरदार सरोवर और महेश्वर दो सबसे बड़ी बांध परियोजनाएं हैं और इन दोनों ही परियोजनाओं का लगातार विरोध होता रहा है। इन परियोजनाओं का उद्देश्य गुजरात के सूखाग्रस्त इलाक़ों में पानी पहुंचाना और मध्य प्रदेश के लिए बिजली पैदा करना है।
बता दे कि गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा था कि पीएम मोदी सरदार सरोवर परियोजना को इसके 30 दरवाजों को खोलने के बाद राष्ट्र को समर्पित करेंगे। जिसे नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण द्वारा इस साल 17 जून को बंद कर दिया गया था। नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण ने 16 जून को देश के सबसे बड़े बांध के दरवाजों को बंद करने का आदेश दिया था। इसके दरवाजे बंद करने के बाद बांध की ऊंचाई 138 मीटर बढ़ाई गई। जिससे इसकी भंडारण क्षमता 12.7 लाख क्यूबिक मीटर से बढ़कर 47.3 लाख क्यूबिक मीटर (एमसीएम) हो गई। पहले इस बांध की ऊंचाई 121.92 मीटर थी। विजय रूपाणी ने कहा कि यह PM मोदी के जन्मदिन का सबसे अच्छा तोहफा है, क्योंकि उन्होंने इस बांध के लिए अथक काम किया है। ताकि राज्य के सूखा प्रभावित क्षेत्रों में पानी लाया जा सके।