राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मशहूर गयिका गिरिजा देवी ने निधन पर आज गहरा शोक व्यक्त किया। शास्त्रीय गायिका गिरिजा देवी के निधन पर शोक जताते हुए राष्ट्रपति कोविंद इसे देश की सांस्कृतिक विरासत के लिए बड़ क्षति बताया है। राष्ट्रपति भवन के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने ट्वीट किया है, शास्त्रीय गायिका और ठुमरी की सम्राज्ञी गिरिजा देवी के निधन की सूचना से दुख हुआ। हमारी सांस्कृतिक विरासत की अपूरणीय क्षति।
Sad to hear of demise of classical singer and Queen of Thumri Girija Devi. Our cultural heritage has been left poorer #PresidentKovind
— President of India (@rashtrapatibhvn) October 25, 2017
प्रधानमंत्री मोदी ने गिरिजा देवी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट कर कहा, ‘गिरिजा देवी जी के निधन से दुखी हूं, भारतीय शास्त्रीय संगीत ने अपनी सबसे मधुर आवाजों में से एक को खो दिया है। मेरे विचार उनके प्रशंसकों के साथ हैं।’ नरेंद्र मोदी ने कहा कि शास्त्रीय गायक का ऐसे जाना भारतीय संगीत के लिए क्षति है। शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।
Saddened by demise of Girija Devi ji. Indian classical music has lost one of its most melodious voices. My thoughts are with her admirers.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 24, 2017
Girija Devi ji’s music appealed across generations. Her pioneering efforts to popularise Indian classical music will always be remembered.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 24, 2017
श्रीमती सोनिया ने अपने शोक संदेश में कहा कि गिरिजा देवी के निधन से भारतीय संगीत जगत को अपूरणीय क्षति हुई है और वह हाल ही के समय की महान आवाजों में एक थी। श्रीमती सोनिया गांधी ने कहा कि उनके निधन से न केवल परिजनों बल्कि प्रशंसकों और मित्रों को असाधारण क्षति हुई है। उन्होंने दिंवगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है।
बता दें कि पद्म विभूषण से सम्मानित ठुमरी गायिका गिरिजा देवी का कल रात दिल का दौरा पड़ने के बाद यहां एक अस्पताल में 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके परिवार में उनकी एक बेटी है। बनारस घराने की गायिका को वर्ष 1972 में पद्मश्री सम्मान मिला था। वर्ष 1989 में उन्हें पद्म भूषण और 2016 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। उनका जन्म आठ मई 1929 को बनारस के निकट एक गांव में जमींदार परिवार में हुआ था।