भोपाल : राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के कार्यक्रम में शामिल होने आज मंडला पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ग्रामीणों को विकास का मंत्र दिया। प्रधानमंत्री ने गांव के बच्चों को शिक्षित बनाने पर विशेष जोर देते हुए कहा कि सभी संकल्प लें कि कोई भी बच्चा अशिक्षित नहीं रहे। उन्होंने कहा कि आज पंचायत दिवस भी है।
बापू के सपनों का साकार करने का एक अवसर है, क्योंकि महात्मा गांधी ने बार-बार दोहराया था कि भारत की पहचान भारत के गांवों से है। देश के विकास के लिए यह बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि मैं सभी सरपंचों और प्रधानों से अपील करता हूं कि वे अपने क्षेत्र में कुछ काम ऐसे करें, जिन्हें वे अपनी अगली पीढ़ियों को बता सकें कि ये काम उन्होंने किया था।
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए देश की 2.44 लाख पंचायतों को सीधे संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने मंडला जिले के मनेरी में 120 करोड़ की लागत से एलपीजी बॉटलिंग प्लांट का शिलान्यास तथा आदिवासी विकास योजना, राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान और राष्ट्रीय ग्रामीण स्वरोजगार योजना का शुभारंभ भी किया।
इस मौके पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी मौजूद रहे। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोई एक जमाना था जब बजट की वजह से मुसीबत रही हो, लेकिन आज बजट की चिंता नहीं है। बल्कि चिंता इस बात की है कि बजट का सही उपयोग कैसे हो, समय पर कैसे हो और अगर हो तो ईमानदारी से कैसे हो। समस्या पैसेों की कमी की नहीं हैं, समस्या प्राथमिकताओं की कमी की होती है।
कार्यक्रम में मोदी ने कहा कि आज हम गांव के लिए कुछ करने का संकल्प करें। उन्होंने कहा कि आज हम जब मंडला आते हैं तो किले की पहचान होती है राजपरिवार की पहचान होती है, तो हम सीना चौड़ा करके इस पर गर्व करते हैं। हम इसे अपनी आने वाली पीढि़यों को बताते हैं। लेकिन अब लोकतंत्र है। एक निश्चित अवधि के लिए गांव के लोगों ने हम पर भरोसा रखा है। ऐसा कौन पंचायत प्रधान होगा, जिसके दिल में इच्छा ना हो कि मुझे 5 साल मिले हैं और इन 5 सालों में 5, 10 या 15 अच्छे काम कर के ही रहूंगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने उपस्थित जनसमुदाय से कहा कि मैं आपको तीन योजनाओं पर ध्यान दिलाऊंगा। पहली- जनधन, दूसरी- वनधन और तीसरी- गोवर्धन। जनधन के जरिए आप गांव और परिवार की अर्थव्यवस्था को मुख्यधारा में ला सकते हैं। वनधन से वन की चीजों का इस्तेमाल कर आप कमाई का दायरा बढ़ा सकते हैं और तीसरी- गोवर्धन। अगर गांव अपना गोबर और कचरे का इस्तेमाल सही ढंग से करें तो इससे बिजली आ सकती है।
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