लुधियाना-फरीदकोट : भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सरहद से भारत में दाखिल होने आएं पाकिस्तानी नाबालिग मुस्लिम युवक को सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने साढ़े सात महीने पहले उस वक्त हिरासत में लिया जब बीएसएफ की 105 बटालियन द्वारा हिंद-पाक सरहद पर की जा रही चौकसी के दौरान बुर्जी न. 191 /45-55 के नजदीक वह दाखिल होकर भारतीय क्षेत्र में आ गया। 12 वर्षीय आयु के इस बच्चे को दबोचने के पश्चात तलाशी के दौरान इसकी जेब से 20 रूपए पाकिस्तानी करंसी बरामद हुई थी और फिरोजपुर पुलिस थाना सदर में तहकीकात के उपरांत मामला दर्ज हुआ।
जबकि तहकीकात के मुताबिक बच्चा गूंगा-बहरा था और पूछताछ के दौरान गुप्तचर एजेंसियों समेत पुलिस को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। गूंगा-बहरा होने के बावजूद पहले तो सुरक्षाबलों को लगा कि कही यह गूंगा-बहरा होनेे का नाटक तो नहीं कर रहा परंतु असलियत सामने आते ही सुरक्षा बलों के जवानों ने मासूम को दुश्मन ना समझकर दोस्ती का पैगाम दिया और फिर इशारों ही इशारों में नजदीकियां बन गई। हालांकि इसके पकड़े जाने के बाद इसके नाम व पते के बारे में कोई भी जानकारी नहीं मिल पा रही थी फिर भी जिस्म पर पहने हुए कुर्ता-पाजामा के डिजाइन और कपड़ों के आधार पर पाकिस्तानी होने की संभावना लगाई गई।
इसी दौरान प्रकाशित खबरों और सोशल मीडिया के दौरान सरहद पार से पता चला कि भारतीय क्षेत्र में बीएसएफ के जवानों द्वारा दबोचा गया दिव्यांग बच्चा लाहौर का रहने वाला 12 वर्षीय हसनियान है। जबकि 5 मई 2017 से वह फरीदकोट स्थित बाल सुधार गृह में बंद है। मंगलवार को फिरोजपुर के जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के ङ्क्षप्रसिपल मजिस्ट्रेट ने हसनियान के बाल सुधार गृह में बंद समय को सजा के रूप में मानते हुए उसे रिहा करने के आदेश जारी कर दिए। पाकिस्तान हाई कमिशनर की ओर से हसनियान की शिनाख्त करने के बाद उसकी वतन वापसी का रास्ता साफ हो गया था।
1 मई की शुरुआत में हसनियान फिरोजपुर के हुसैनीवाला बॉर्डर शाने ए हिंद गेट के पास पकड़ा गया था। बालक बोलने व सुनने में असमर्थ है, जिस कारण उसकी शिनाख्त नहीं हो पा रही थी। पिछले महीने 21 नवंबर को अमृतसर में पाकिस्तानी हाई कमिशनर को जिला प्रशासन ने बच्चे के दस्तावेज सौंपे थे। इन दस्तावेजों की पड़ताल के बाद पाक सरकार ने बच्चे की शिनाख्त लाहौर निवासी हसनियान पुत्र जावेद इकबाल के रूप में की है। पाकिस्तान हाई कमिशनर ने आठ दिसंबर को भारतीय हाई कमिशनर को लिखे पत्र में बालक को पाक को सौंपने की सहमति दी थी।
बच्चे पर हुआ था केस दर्ज : भारतीय सीमा में आने पर बालक के खिलाफ केस दर्ज किया था। जुवेनाइल बोर्ड के आदेश पर वह 5 मई से फरीदकोट के बाल सुधार गृह में बंद है। परिवार का पता लगाने की हुई कई कोशिशें : जिला प्रशासन ने मूक-बधिर बच्चों से इशारों में बात करने के माहिरों का सहारा लेकर बच्चे से उसके परिवार के बारे में जानकारी लेने की कोशिश की थी। बच्चा जब पकड़ा गया था तो उसके पास पाकिस्तानी करंसी के 20 रुपये के नोट के अतिरिक्त कुछ भी आपतिजनक सामान बरामद नहीं हुआ।
केंद्र सरकार से मिलेंगे सौंपने के आदेश : डिप्टी कमिश्नर राजीव पराशर का कहना है कि बच्चे की शिनाख्त हो गई है। 1उसे कब सौंपना है, इसके आदेश केंद्र सरकार से मिलेंगे। तब तक प्रशासन उसका पालन पोषण करेगा। आदेश आने पर बच्चे को सौंपेंगे।
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– सुनीलराय कामरेड