लुधियाना : 72 घंटे पहले तख्त श्री पटना साहिब की प्रधानगी की गददी हासिल करने वाले लुधियाना के सिख नेता और शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व प्रधान जत्थेदार अवतार सिंह मक्कड़ को बिहार की पटना हाईकोर्ट ने करारा झटका देते हुए तख्त श्री हरिमंदिर पटना साहिब कमेटी का फ ैसला 3 सितबंर 2017 को चुनी गई स. हरविंद्र सिंह सरना की अध्यक्षता वाली कमेटी को बहाल कर दिया। हाईकोर्ट के इस फैसले को शिरोमणि अकाली दल बादल के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। जिला सेशन जज के उस फैसले को सिरे से रदद करते हुए यह भी कहा गया कि जिला सेशन जज ने पहली कमेटी की प्रधान और अन्य पदाधिकारियों के चुनाव करने के अधिकार देने वाले एक्ट के मुताबिक बिल्कुल ठीक था, तो पुन: चुनी हुई कमेटी को बरखास्त किए जाना अनुचित है। हाईकोर्ट के आए हुए इस फैसले के मुताबिक प्रधान होने का दावा करने वाले अवतार सिंह मक्कड़ को एक बार फिर बरखास्तगी का मुंह देखना पड़ा।
स्मरण रहे कि 2016 में शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी पर 10 साल से अधिक राज करने के बाद प्रधानगी से हटे सरदार मक्कड़ को तख्त पटना साहिब कमेटी की प्रधानगी से भी हटा दिया गया था और तीन सितंबर 2017 को दिल्ली के सिख पंथक नेता स. हरविंद्र सिंह सरना को प्रधानस बना दिया था और इस प्रधानगी के खिलाफ स. मक्कड़ अदालत चल गए थे और सेशन कोर्ट ने तीन दिन पहले मक्कड़ को बहाल कर दिया। इस बहाली के विरूद्ध स. सरना की टीम ने हाईकोर्ट का दरवाजा न्याय के लिए खटखटाया। इस संबंध में हरविंद्र सिंह सरना का कहना है कि सेशन कोर्ट ने भले ही कमेटी पर रोक लगाते हुए उन्हें प्रधानगी पद से अलग किया था लेकिन हाईकोर्ट में उन्हें इंसाफ मिला और न्यायपालिका ने फैसला करते हुए स्टेट दे दिया है जबकि दूसरी तरफ अवतार सिंह मक्कड़ का कहना है कि उनकी यह लड़ाई आगे भी अदालत में जारी रहेंगी और उन्हें भरोसा है कि न्यायपालिका उनके साथ इंसाफ करेंगी।
उधर शिरोमणि अकाली दल, दिल्ली के प्रधान और हरविंद्र सिंह सरना के भाई परमजीत सिंह सरना ने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा था कि हाईकोर्ट पूरी तरह इसाफ करते हुए एक चुनी हुई कमेटी को बहाल करेगा। उनके मुताबिक हाईकेार्ट के इस फैसले से लोकतंत्र प्रक्रिया सिद्धांतों को बहाल किया है। जिसके लिए वह न्यायपालिका का धन्यवाद करते है। उन्होंने कहा कि उन्हें स. मक्कड़ पर तर्स आ रहा है, जिसकी प्रधानगी तो पटना साहिब पहुंचने से पहले ही रास्ते में गुम हो गई। उन्होंने इस प्रधानगी क ी खुशियां भी पूरी नहीं कि थी एक खोटे सिक्के की तरह वापिस लुधियाना जाना पड़ा।
उन्होंने गुरू साहिब का कोटि-कोटि धन्यवाद करते हुए यह भी कहा कि गुरू की अपार कृपा के कारण एक बार फिर स. हरविंद्र सिंह सरना को गुरू घर की सेवा का मौका मिला है। सरना ने प्रधान रहते हुए श्री गुरू गोबिंद सिंह जी का पावन प्रकाश पर्व 5 जनवरी को मनाने का ऐलान किया था लेकिन मक्क ड़ ने आते ही इस पर्व को 25 दिसंबर को मनाए जाने का ऐलान किया था। सरना ने पुन: प्रधानगी पद संभालते हुए समागम के लिए पुरानी तिथि 5 जनवरी बहाल की है। इसपर उन्होंने कहा कि पहले की तरह बनाए गए कार्यक्रम के मुताबिक यह प्रकाश पर्व बड़े स्तर पर श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाएंगा। उन्होंने यह कहा कि गुरू घर की गोलक में पड़ी माया सिर्फ पंथक कार्यो के लिए उपयोग मे लाई जाएंगी किसी को भी गुरू की गोलक का दुरूपयोग करने की आज्ञा नहीं दी जाएंगी। स. अवतार सिंह मक्कड़ को पुन: प्रधानगी से उतारे जाने के बारे में पूछे गए सवाल पर स. सरना ने कहा कि मक्कड़ को बादलों ने खूब जलील किया और मक्कड़ की हालत अब उस तरह है, ‘बड़े बेआबरू होकर तेरे से कूचे से निकले हम, ना उधर के रहे ना इधर के रहे।’
– सुनीलराय कामरेड