गुरदासपुर : पंजाब के सीमावर्ती जिले गुरदासपुर की विनोद खन्ना के अचानक निधन के उपरांत खाली हुई संसदीय सीट के लिए 11 अक्तूबर को होने जा रहे उपचुनाव के लिए सियासी आगुओं द्वारा नामांकन पत्र दाखिल किए जाने के उपरांत हलचल शुरू हो चुकी है। सियासी उठक-पटक के उपरांत सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी की तरफ से आज पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने आखिरी दिन में अपना नामांकन पत्र जिला चुनाव अधिकारी गुरलवलीन सिंह सिद्धू के पास दाखिल किया जबकि उनसे पहले अकाली-भाजपा के संयुक्त प्रत्याशी के तौर पर स्वर्ण सलारिया निवासी गांव चौगांवा ने भ्भी पर्चा दाखिल किया।
जानकारी के मुताबिक इस संसदीय सीट में ऐसा पहली बार होगा। जब इस क्षेत्र में किसी भी मुख्य पार्टी से कोई भी सिख चेहरा चुनाव नहीं लड़ रहा। सुनील जाखड़ का अकाली -भाजपा प्रत्याशी स्वर्ण सलारिया और आप के सुरेश खजूरिया से तिकोना मुकाबला होगा। इस सीट पर 16 बार लोकसभा चुनाव हो चुके है, जिसमें 9 बार हिंदू उम्मीदवार और 7 बार सिख उम्मीदवार जीतते रहे है, हालांकि हिंदू वोटरों का अनुपात भी सिख वोटरों से अधिक है। जानकारी के मुताबिक इस हलके में जहां 43 फीसदी और 47.3 फीसदी हिंदू वोटर है।
आज दोपहर सुनील जाखड़ द्वारा पर्चा दाखिल करते समय पंजाब के मुखयमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह, कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू, शिक्षा मंत्री अरूणा चौधरी, फतेहचंद बाजवा और पंजाब कांग्रेस प्रभारी आशा कुमारी के अतिरिक्त कई वरिष्ठ कांग्रेसी आगु उपस्थित थे जबकि स्वर्ण सलारिया के नामांकन दाखिल करने के वक्त पूर्व उपमुख्यमंत्री व शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल समेत पंजाब भाजपा प्रधान विजय सांपला भी मौजूद थे। इनसे पहले शिरोमणि अकाली दल अमृतसर की तरफ से उम्मीदवार कुलवंत सिंह मंजेल ने भी अपना पत्र दाखिल किया। इस अवसर पर उनसे साथ पार्टी प्रधान सिमरनजीत सिंह मान व अन्य सिख समर्थक उपस्थित थे। जिक्रयोग है कि आम आदमी पार्टी ने भी अपनी तरफ से सेवामुक्त मेजर जरनल 64 वर्षीय सुरेश कुमार खजूरिया को मैदान में उतारा है। आज नामांकन पत्र दाखिल किए जाने से पहले कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस पार्टी राष्ट्रीय मुददों को आधार बनाकर उपचुनाव में उतर रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत सीएम कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने जो जिम्मेदारी उन्हें सौंपी है, वह उसपर खरा उतरेंगे। उनके मुताबिक यह चुनाव परिणाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए खतरे की घंटी साबित होंगे और देश के 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों को नई दिशा देंगे। सुनील जाखड़ ने अकाली दल पर भी हमला करते हुए कहा कि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल कांग्रेस के 6 महीनों के कार्याकाल के उन कामों का हल चाहते है जिन कामों को वह स्वयं पंजाब की सत्ता में 10 साल रहने के बावजूद नही कर सकें। उन्होंने कहा कि सुखबीर सिंह बादल भी उनके किसानों का कर्ज माफ कर सकते थे परंतु उन्होंने ऐसा करने की बजाए हरि के पतन में पानी वाली बस को चलाना जरूरी समझा।
उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी अकाली-भाजपा संयुक्त प्रत्याशी स्वर्ण सलारिया पर तीखे शब्द बोलते हुए कहा कि सलारिया बीती विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के पास गुरदासपुर सीट की टिकट मांगने आएं थे। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार सिर्फ पैसे बनाने की खातिर जीतना चाहती है। लोगों की सहायता करना उनका मकसद नहीं।
उधर दूसरी तरफ साल 2014 में लोकसभा चुनावों के दौरान भाजपा के ही कुछ लोग अदाकार और सियासत से जुड़े नेता विनोद खन्ना की बजाए स्वर्ण सलारिया को टिकट देने के पक्ष में थे। काफी रस्साकशी उपरांत स्वर्ण सलारिया इस बार भाजपा का टिकट रामदेव की कृपा से हासिल करने में सफल रहे है। जानकारी के मुताबिक सलारिया की संघ से लेकर शिरोमणि अकाली दल और भाजपा गुटों में काफी मजबूत पकड़ है। इस क्षेत्र में उन्होंने काफी काम भी किए है और अकाली नेताओं के साथ उनकी अच्छी पटती भी है। आज देहरादून से अमतृसर एयरपोर्ट पर उतरते ही भाजपा कार्यकर्ताओं ने स्वर्ण सलारिया के स्वागत के दौरान नारे लगाते हुए उन्हें मैंबर पार्लीेमेंट करार दे दिया। सलारिया ने पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का धन्यवाद करते हुए कहा कि जो भरोसा उनपर पार्टी ने किया है, वह खरा उतरेंगे। उन्होंने दावा किया कि भाजपा जो कहती है वह करती है। उनका यह भी कहना था कि उनका मुकाबला किसी भी सियासी शख्स से नही बल्कि स्वयं से है। बहरहाल सभी उम्मीदवार अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे है लेकिन आखिर मुकाबला सख्त होने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता।
– सुनीलराय कामरेड