लुधियाना-फतेहगढ़ साहिब : शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) की तरफ से खालिस्तानी समर्थक पूर्व सांसद और पार्टी अध्यक्ष स. सिमरनजीत सिंह मान की अध्यक्षता में अन्य धर्मख्याली समर्थन नेताओं के समर्थन से पंजाब में कई स्थानों पर संत जरनैल सिंह भिंडरावाले का 71वां जन्मदिन गुरू ग्रंथ साहिब जी की हजूरी में धूमधाम से मनाया गया। फतेहगढ़ साहिब की पावन धरती पर जहां स्थान-स्थान पर खालिस्तान झंडे लहराएं गए वही समागम में आने वाले गुटों ने खालिस्तान जिंदाबाद और भिंडरावाले के समर्थन में जमक र नारेबाजी की। उधर जालंधर में भी सिख तालमेल कमेटी द्वारा पुली अली मोहल्ले में 20वीं सदी के महान जरनैल व कथनी और करनी के सूरमे जरनैल सिंह भिंडरावाले का जन्म दिवस मनाया गया।
हर साल की तरह इस बार भी गुरूद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब के पावन शहीदी स्थान पर संत जरनैल सिंह खालसा भिंडरावाले का जन्म दिवस मनाने के लिए खचाखच हजारों की संख्या में भरे पंडाल को संबोधित करते हुए पंजाब के पूर्व सांसद और शिरोमणि अकाली दल अमृतसर के प्रधान ने जहां भारत, पंजाब और विदेशी धरती पर रहने वाले सिख कौम समेत दूसरी कौमों के इंसाफ पसंद सोच रखने वाले लोगों को मुबारकबाद दी वही उन्होंने भिंडरावाले की तरफ से खालिस्तानी स्टेट की रखी नींव का और खालिस्तान के समूचे प्रबंध का खुलासा करते हुए कहा कि खालिस्तान के निजाम में सभी वर्ग , धर्म , संप्रदाय कौमें और इंसान को बराबर का रूतबा दिया जाएंगा। समारोह के उपरांत मीडिया से बातचीत करते हुए सिमरनजीत सिंह मान ने कहा कि आज के पावन दिन को मनाने के लिए विदेशों से संगत यहां पहुंची हुई थी वही दक्षिण और विशेषकर कश्मीर से भी कई लोग भिंडरावाले को श्रद्धांजलि देने के लिए विशेष तौर पर आएं थे।
स. मान का दावा है कि 20वी सदी के महान शहीद जरनैल सिंह खालसा भिंडरावाले ने खालिस्तान का नींव पत्थर पहले ही रख दिया था और अब केवल उस इमारत को कायम करने की जरूरत है। इस अवसर पर मान ने 84के दंगों में 100 सिखों को मारने का वीडियों के जरिए खुलासा करने वाले कांग्रेसी नेता जशदीश टाइटलर की गिरफतारी की मांग करते हुए कहा कि यह सब एक सोची-समझी रणनीति के तहत किया गया था।
उन्होंने पंजाब में पिछले कुछ समय से हो रही श्री गुरू ग्रंथ जी समेत अन्य धर्म ग्रंथों की बेअदबी के मामले में कहा कि कोई भी सरकार असल दोषियों को गिरफतार करने में गंभीर नहीं। उन्होंने कहा कि जब तक खालिस्तान नहीं बन जाता, तब तक सिख धर्म की रक्षा नहीं हो सकती। इस समागम में अलगअलग कौमों के धर्म प्रतिनिधियों ने सर्व सहमति से 19 राष्ट्रीय और धार्मिक संकल्प प्रस्ताव पास किए।
– सुनीलराय कामरेड
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