भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आज आरोप लगाया कि पंजाब की कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार ने कर्ज माफी के नाम पर किसानों से धोखा किया है। पार्टी की पंजाब इकाई के उपाध्यक्ष हरजीत सिंह ग्रेवाल व प्रदेश सचिव विनीत जोशी ने यहां जारी बयान में कैप्टन सरकार के दसवें माह की ‘रिपोर्ट’ पेश करते हुए आरोप लगाया कि सरकार ने किसानों का पूरा कर्जा माफ करने के वायदे से पलट कर सात जनवरी को मानसा में एक तरह से किसानों से धोखे की पुष्टि की।
पार्टी नेताओं ने आरोप लगाया कि निराश होकर उससे अगले दिन पांच किसानों ने आत्महत्या कर ली। ग्रेवाल और जोशी के अनुसार कैप्टन सरकार के दस महीनो में अब तक 368 किसान आत्महत्या कर चुके हैं। भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि मानसा में ‘जो कहा-वो किया’ का बोर्ड लगाया गया था लेकिन जो उन्होंने कहा था किया नहीं।
किसानों से कहा था कि पूर्ण कर्जा माफ करेंगे, खुदकुशी करने वाले किसान के परिवार को दस लाख मुआवजा देंगे, प्राकृतिक आपदा से नुकसान पर बीस हजार प्रति एकड़ मुआवजा देंगे, आत्महत्या कर चुके किसानों के बच्चों को मुफ्त शिक्षा व मुफ्त होस्टल और विधवाओं के कौशल विकास के लिए केंद्र, पांच लाख तक का स्वास्थ्य एवं जीवन बीमा करेंगे पर कुछ नहीं किया।
ग्रेवाल और जोशी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने चुनाव से पहले दलितों से कहा था कि पचास हजार रुपये तक के बकाया कर्ज माफ करेंगे, बेघर दलितों के लिए घर, हर दलित परिवार में एक नौकरी, स्नातक तक मुफ्त शिक्षा, दलित कन्याओं को किसी भी स्तर तक मुफ्त शिक्षा, सभी निजी शिक्षण संस्थाओं में 10 प्रतिशत कोटा आरक्षित करना ताकि इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट और मेडिकल कॉलेज में मुफ्त शिक्षा, 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली, शगुन योजना के तहत प्रदान की जानी वाली राशि को बढ़कर 51000, समय सीमा में रिक्त सरकारी पदों को भरना, निगम, ट्रस्ट बोर्डों में चेयरमैन, वाइस चेयरमैन आदि में दलितों को आरक्षण देंगे पर कुछ नहीं किया।
पार्टी नेताओं ने आरोप लगाया कि युवाओं से कहा गया था कि स्मार्ट फोन देंगे, हर घर में एक युवा को नौकरी और जब तक नौकरी नहीं तब तक 2500 रुपए प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ता देंगे, पर कुछ नहीं किया। इसके अलावा महिलाओं से वायदा किया गया था कि सरकारी नौकरियों में 33 प्रतिशत आरक्षण देंगे, घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं के लिए हर जिले में सहायता केंद्र खोलेंगे जहां मेडीकल सहायता के साथ कानूनी सहायता भी उपलब्ध रहेगी, पर कुछ नहीं किया।
पार्टी के अनुसार इसके अलावा बुजुर्गों, विधवाओं, विकलांगों की पेंशन बढ़ाने, अगले पांच साल के लिए मौजूदा तथा नए उद्योगों के लिए बिजली 5 रुपये प्रति यूनिट में देने, नीले कार्ड धारकों को आटा-दाल स्कीम के साथ चीनी व चायपत्ती देने, कर्मचारियों को बकाया महंगाई भत्ता, छठें वेतन आयोग को लागू करने, एडहॉक तथा ठेके पर रखे मुलाजिमों को पक्का करने, स्वीकृत पदों पर नियमित सालाना भर्ती करने और नशा एक महीने में खत्म करने के वादे किये गये थे लेकिन कुछ किया नहीं।
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