लुधियाना-अमृतसर : सात समुद्र पार से इसी महीने के तीसरे हफते के दौरान भारत आने वाले कनैडियन प्रधानमंत्री के अन्य स्थानों के अलावा रूहानियत की शक्ति सच्चखंड श्री हरिमंदिर साहिब के दर्शन करने के लिए भी पहुंचने की संभावना है, जिसके लिए शिरोमणि कमेटी और पंथक जत्थेबंदियों ने भी अपने-अपने स्तर पर तैयारियां कर रखी है। जस्टिन ट्रूडो का भारत भ्रमण 17 से 23 फरवरी तक का है। इस दौरान एक दिन श्री अमृतसर साहिब स्थित श्री हरिमंदिर में दर्शन करने का भी प्रोग्राम निश्चित है। इसके अतिरिक्त नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व अन्य प्रमुख हस्तियां भी मुलाकात करेंगे।
इधर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने जस्टिन ट्रूडो का स्वागत करने के लिए भारत सरकार को भी अवगत करवा दिया है और कहा है कि जस्टिन ट्रूडो अमृतसर यात्रा के दौरान अगर कनाडा और भारत सरकार चाहेंगी तो वह उनके स्वागत को जाएंगे। लेकिन कैप्टन ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि जस्टिन ट्रूडो के साथ आने वाले मंत्री हरजीत सिंह और नवदीप बैंस का वह स्वागत नहीं करेंगे। कैप्टन ने कहा कि यह लोग ही कनाडा में बैठकर खालिस्तानी समर्थकों को हवा देते है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पंजाब पहले ही अपने 35हजार युवाओं को खो चुका है। अब इस तरह के तत्वों को प्रोत्सहित करके राज्य का माहौल खराब होने नहीं दिया जाएंगा।
समझा जाता है कि विदेश मंत्रालय द्वारा कनाडा में रहने वाले 20 लाख के करीब सिखों और पंजाबी बाशिंदों की भावनाओं को प्रमुख रखते हुए प्रधानमंत्री ट्रूडो का भारत भ्रमण के दौरान हरिमंदिर साहिब के दर्शन करने के लिए कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गई है। मौजूदा ट्रूडो सरकार में रक्षामंत्री स. हरजीत सिंह सज्जन के अतिरिक्त कनाडा में वितमंत्री नवदीप सिंह बैंस समेत 19 के करीब सांसद और अन्य विधायक सिख या पंजाबी मूल के है। कनाडा के लोग सिखों के मेहनती और ईमानदार व्यवहार के कारण काफी पसंद करते है। सिख कौम को सरबत का भला मांगने वाले मानते हुए कनाडा के सियासी हलकों में सिखों का काफी बोलबाला है। इस वक्त कनाडा में प्रतिपक्ष नेता के तौर पर अमृतधारी सिख नौजवान सरदार जगमीत सिंह अपनी जिम्मेदारी भी बखूबी से निभा रहे है। इन्हीं कारणों से जस्टिन ट्रूडो जोकि कनाडा के तीसरे प्रधानमंत्री है, जो श्री हरिमंदिर साहिब में नतमस्तक होने के लिए पहुंच रहे है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले कनाडा के पंजाबी और सिख इलाके राज्यों में उनटारियों, ब्रिटिश कोलंबिया और अलबरटा के कई प्रीमियर जिनमें श्री उज्जल दोसांझ, गोरडल कैबल, कैथलीन विन आदि शामिल है, भी इस स्थान पर आ चुके है। कनाडा के पहले सिख रक्षामंत्री स. हरजीत सिंह सज्जन 20 अप्रैल 2017 को श्री हरिमंदिर साहिब में दर्शन करने आएं थे। उस दौरान शिरोमणि कमेटी द्वारा पंजाब सरकार के इनकार किए जाने के बावजूद गर्मजोशी से स्वागत किया था।
हालांकि कुछ गर्मदलीय सिख संगठनों ने उनको खालिस्तान समर्थक मानते हुए समर्थन दिया था। जस्टिन ट्रूडो के भारत दौरे के दौरान नई दिल्ली, मुंबई, आगरा, अहमदाबाद आदि शहरों में जाने की संभावना है परंतु पंजाब या चंडीगढ़ को नजरअंदाज करके केवल श्री हरिमंदिर साहिब की यात्रा को ही शामिल किया है। कनाडियन प्रधानमंत्री श्री हरिमंदिर साहिब भ्रमण संबंधित बीते 17 दिसंबर को कनाडा सरकार के प्रोटोकाल, सुरक्षा, मीडिया अधिकारियों के अलावा कनाडियन हाईकमान नई दिल्ली की एक विशेष टीम द्वारा सच्चखंड श्री हरिमंदिर साहिब का दौरा करके प्रबंधों का जायजा लिया गया था।
– सुनीलराय कामरेड