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सामने आया मुख्यमंत्री और सरना भाईयों के चडढा मिल कनेक्शन…

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लुधियाना-ब्यास : ब्यास दरिया में दूषित पानी आने के कारण लाखों की संख्या में मरी मछलियों और अन्य जीव-जंतुओं का मामला सामने आने से पर्यावरण मंत्री ओम प्रकाश सोनी, लोकसभा सदस्य गुरजीत सिंह ओजला, विधायक बाबा बकाला, संतोख सिंह भलाईपुर, डिप्टी कमीश्रर समेत अन्य प्रशासनिक अधिकारी कीड़ी अफगान में दरिया किनारे बनी शराब फैक्ट्री के घटनास्थल पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान दरिया का जायजा लेने के पश्चात प्रदूषण विभाग, वन विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ विचारविमर्श करने के बाद ओम प्रकाश सोनी ने कहा कि जांच में यह सामने आया है कि श्री हरगोबिंद मिल से शीरा डाले जाने के कारण लाखों की संख्या में मछलियां मर गई है।

सूत्रों के मुताबिक लोगों ने मरी हुई मछलियों को ट्रालियों में ले गए थे जबकि प्रशासन ने आठ जिलों में अलर्ट जारी करते हुए मछलियां ना खाने की हिदायतें जारी की है। जानकारी के मुताबिक चडढा शूगर मिल से शीरे के रिसाव के कारण मछलियों के मरने की खबर पाकर प्रशासनिक अधिकारी और प्रदषूण कंट्रोल बोर्ड के अधिकारी मिल में मौके पर पहुंचे थे। मिल प्रबंधको ने जेसीबी मशीने लगाकर शीरे को बहने से रोकने की तमाम कोशिशें की परंतु शीरे की मात्रा इतनी अधिक थी कि उसे रोक पाना कठिन हो गया।

यह भी पता चला है कि शराब बनाने वाली यह मिल पोंटी चडढा की बहू और हरविंद्र सिंह सरना की बेटी जसदीप कौर चडढा की है। जसदीप कौर परमजीत सरना की भतीजी है और सरना भाई भी पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के नजदीकी सलाहकारों में से एक है। परमजीत सिंह सरना को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने सिख मामलों के सलाहकार के रूप में रखा हुआ है और इन सरना भाईयों का दबदबा दिल्ली गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी में भी है।

सूत्रों के मुताबिक ब्यास दरिया में जाने से यह शीरा पानी के ऊपर फैल गया और समस्त पानी लाल और काले रंग का दिखाई देने लगा। पानी के ऊपर शीरे फैलने के कारण मछलियों को आक्सीजन नहीं मिल पाई और वे दम तोड़ गई। उन्होंने कहा कि शीरे में कुछ ऐसे जहरीले तत्व होते है, जिनके प्रयोग से किसी की भी मौत हो सकती है।

पंजाब प्रदूषण कंट्रोलमेंट के चेयरमैन काहन सिंह पन्नू ने कहा कि जहां यह हादसा हुआ है, वहां प्रदूषण कंट्रोलमेंट की टीमें पहुंच चुकी है। रसायन पदार्थ ब्यास दरिया के पानी में घुल गया, जिसके कारण लाखों की संख्या में जीव-जंतु मारे गए। यह भी पता चला है कि घटना स्थल पर जिस टैंक में शीरा भरा हुआ था उसकी क्षमता 1करोड़ किलोग्राम शीरा स्टोर करने की है। इस टैंक में भरे शीरे को गर्म किया जाता है, जो आगे शराब बनाने के लिए भेजा जाता है परंतु टैंक में शीरा अधिक गर्म होने के कारण टैंक से उबला शुरू हो गया, जिससे 50 लाख लीटर शीरा उबर कर टैंक से बाहर आ गया। प्रबंधकों ने इसे रोकने की तमाम कोशिशें की परंतु सफल नहीं हुए, जिससे यह हादसा हो गया।

– सुनीलराय कामरेड

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