लुधियाना : बहुचर्चित सिटी सैंटर लुधियाना के तथाकथित बहुकरोडी स्कैम के मामले में पंजाब के मुखयमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह समेत इस केस के आरोपी 36 अन्य लोगों की मुसीबतें उस समय बढ गई जब मामले में पिछले दिनों पंजाब विजिलैंस ब्यूरो द्वारा सीएम को सहित सभी आरोपियों को क्लीन चिट देते हुए जिला एवं सैशन कोर्ट की अदालत में केस को बंद करने की फाइल की अर्जी को लोक इंसाफ पार्टी के प्रमुख एवं विधायक सिमरजीत सिंह बैंस ने चुनौती दे दी तथा जिला एवं सैशन जज गुरबीर सिंह की ही अदालत में आज सिटी सैंटर केस की सुनवाई के दौरान अपने वकील के माध्यम से पेश होकर एक याचिका के जरिये इस केस की क्लोजर रिपोर्ट को मंजूरी न देने व केस को रैगूलर चलाते हुए दोषियों को सजा देने की गुहार लगाई गई।
इस दौरान इस मामले की सुनवाई आज जिला एवं सैशन जज गुरबीर सिंह की अदालत में हुई व अदालत ने इसे 7 अक्टूबर पर स्थगित कर दिया। बैंस ने आरोप लगाया कि विजिलैंस पुलिस कैप्टन अमरेंद्र सिंह सहित अन्य को बचाने की कोशिश कर रही है और यह मामला भ्रष्टाचार का है और आम जनता से जुडा हुआ है।
न्यायधीश ने इस भी सात अक्टूबर के लिए रख लिया है। उल्लेखनीय है कि विजिलैंस पुलिस ने विगत माह पहले ही कैप्टन अमरेंद्र सिंह व अन्य के खिलाफ अदालत में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की है। जिसमें उन्होंने कैप्टन अमरेंद्र सिंह सहित 32 अन्य आरोपियों को क्लीन चिट देते हुए कहा है कि एक अन्य आरोपी चेतन गुप्ता द्वारा मामले की पुन: जांच करने की लगाई गई अर्जी पर जब विजिलैंस पुलिस ने जांच की तो पाया कि आरोपियों के खिलाफ कोई भी आरोप साबित नहीं होता है और आरोपी चेतन गुप्ता पर भी लगाए गए आरोप निराधार है। उन्होंने कहा कि पुन: जांचख्के दौरान पूर्व में गवाहों द्वारा दिये गए ब्यान वर्तमान में दिये गए ब्यानों से बिल्कुल उल्ट है। जबकि सीएम कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने स्वयं ही जब इस मामले को मीडिया द्वारा उठाया गया था तो जांच करने के आदेश दिये थे और बाकायदा समय समय पर अपने स्तर पर अनियमितताओं को दूर करने की हर संभव कोशिश की थी। इस संबंधी एमएलए सिमरजीत सिंह बैंस ने बताया कि लुधियाना के पक्खोवाल रोड पर सिटी सैंटर के निर्माण को लेकर हुए 1144 करोड के घौटाले को लेकर विजिलैंस ने पिछले दिनों कैप्टन अमरेंद्र सहित सभी 36 आरोपियों को क्लीन चिट दे दी थी तथा जिला एवं सैशन जज की अदालत में एक अप्लीकेशन देकर केस को बंद करने की सिफारिश करते हुए क्लोजर रिपोर्ट फाइल की थी।
जबकि पहले ही सिटी सैंटर के निर्माण के बंद होने के कारण निर्माण कंपनी सुप्रीम कोर्ट में गई हुई है तथा जस्टिस लहोटी द्वारा कंपनी के हक में 2006 में 437 करोड का अवार्ड पास किया हुआ है। जिस पर 18 प्रतिशत ब्याज लगने से यह राशी 11 सौ करोड रूपये बनती है। ऐसे में यदि कोर्ट विजिलैंस की क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार करती है तो न तो कैप्टन व न ही बादल को इसका कोई फर्क पडना है तथा टूडे होम कंपनी को पंजाब की जनता की ख्खून पसीने की कमाई का टैक्स के रूप में जमा कराया हुआ पैसा खजाने में से चुकाना पडेगा। यह सारा खेल कैप्टन अमरेंद्र व बादल परिवार की मिलीभगत का नतीजा है क्येांकि दोनों ही दल आपस में मिले हुए है तथा शररंजीत चालें चलकर लोगों को बेवकूफ बनाते है। पहले दस साल के शाासन में बादल ने इस केस में कुछ नहीं किया और अब 12 हजार पेज की चार्जशीट के बावजूद कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने सरकार बनने के छह महीने में ही ट्विस्ट लाते हुए विजिलैंस पर दबाव बनवाकर खुद व अन्य आरोपियों को क्लीन चिट दिलवा ली और अदालत में क्लोजर रिपोर्ट फाइल कर दी। जिसके कारण हमनें एक सुचेत नागरिक होने के चलते इस मामले में माननीय अदालत में अर्जी देकर गुहार लगाई है कि विजिलैंस की क्लोजर रिपोर्ट स्वीकार न की जाए और इस केस को रैगूलर चलाया जाए। अब इस अर्जी पर विचार के लिए 7 अक्टूबर को होगी।
बैंस के वकील ने बताया कि विजिलैंस ने यह मामला दबाव में आकर किया है तथा अब अदालत उनकी अर्जी पर विचार 7 अक्टूबर को करेगी। वहीं, पंजाब कांग्रेस के महासचिव अमरजीत सिंह टिक्का ने विधायक सिमरजीत सिंह बैंस द्वारा अदालत में लगाई गई अर्जी को राजनीतिक स्टंट करार देते हुए कहा कि बैंस को आम जनता के साथ कोई लेना-देना नहीं है और बैंस हमेशा ही सुर्खियों में रहने के लिए ऐसी ड्रामेबाजी करते रहते है। उन्होंने कहा कि सिटी सैंटर लुधियानावासियों का एक सपना था और बैंस जैसे नेताओं की ऐसी ड्रामेबाजियों के चलते ही नगर वासी आज भी इससे वंचित है। उन्होंने बैंस को सलाह दी की कि वो ऐसे बेतुके राजनीतिक स्टंट बंद करके लोगों की भ्भलाई के लिए काम करें जिन्होंने उन्होंने अपनी वोटें दी है।
– सुनीलराय कामरेड