लुधियाना : कपड़े पर प्रस्तावित पांच फीसदी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के खिलाफ कारोबारियों ने आंदोलन का बिगुल बजा दिया है। पंजाब के कारोबारी वीरवार को एक दिन की हड़ताल पर रहेंगे। इस दौरान हजारों की संख्या में कारोबारी अपनी दुकानें बंद करके जीएसटी का खुल्लम खुल्ला विरोध करेंगे।
कारोबारियों ने साफ किया है कि यदि कपड़े को जीएसटी से मुक्त नहीं किया गया तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। इस संबंध में बकायदा केंद्रीय वित्त मंत्री को एक ज्ञापन भी भेजा जा रहा है।
काबिलेजिक्र है कि आजादी के बाद से अब तक कपड़े को कर मुक्त रखा गया है, ताकि आर्थिक तौर पर कमजोर व्यक्ति भी अपना तन ढक सके। लेकिन एक जुलाई से देश में कर सुधारों के तहत लागू किए जाने वाले जीएसटी में केंद्र सरकार ने पांच फीसदी कर लगाने का प्रस्ताव किया है। इसे लेकर कारोबारियों में उबाल है।
सरकार के इस फैसले पर मंथन के लिए पंजाब रिटेल एंड होलसेल क्लाथ मर्चेंट्स एसोसिएशन की हंगामी बैठक हुई। इसमें तमाम सदस्यों ने एक सुर में सरकार के इस फैसले का जम कर विरोध किया। साथ ही आम राय से सूबे में एक दिन के बंद का ऐलान किया। बंद के दौरान सूबे में कपड़े की होलसेल, रिटेल दुकानें एवं शोरूम बंद रहेंगे।
पंजाब रिटेल एंड होलसेल क्लाथ मर्चेंट्स एसोसिएशन के कार्यवाहक महासचिव कंवलदीप सिंह एवं संयुक्त सचिव नीरज गिरोत्रा का कहना है कि जीएसटी काफी पेचीदी कर प्रणाली है। गांवों, कस्बों में छोटे छोटे दुकानदार कपड़ा बेचते हैं। उनके लिए जीएसटी के लिए कंप्यूटर, अकाउंटेंट और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करना संभव नहीं है।
दूसरे जीएसटी में सरकार ने गलती होने पर कड़े यहां तक की सजा तक के प्रावधान किए हैं। ऐसे में कारोबारी इस चक्रव्यूह में ही उलझ कर रह जाएंगे। नतीजतन जीएसटी से पार पाना छोटे कारोबारियों के लिए मुश्किल है। इस अवसर पर संजय अरोड़ा, ओम प्रकाश, एसपी सिंह, अनीष सूद समेत कई कारोबारी मौजूद रहे।
– रीना अरोड़ा