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भारत बंद आह्वान : तनाव और अशंकाओं के बीच पंजाब में बंद के दौरान रहा, ‘ऑल इज वैल’

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लुधियाना : एससी-एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के ताजा फरमान के पश्चात दलित संगठनों द्वारा ‘भारत बंद’ के मद्देनजर पंजाब में कुछ एक स्थानों पर छिटपुट हिंसक घटनाओं के बीच पुलिस प्रशासन का डंडा चला, जिससे हिंसक हो रहे दंगाइयों को काबू करने के लिए कई स्थानों पर पुलिस ने हलका लाठीचार्ज भी किया। विभिन्न दलित समुदायों और सियासी पार्टियों द्वारा भारत बंद के आह्वान पर आज पंजाब भर की सडक़ों पर दलित समुदाय और पिछड़ी श्रेणियों के लोगों का कब्जा रहा। ना तो एक शहर से दूसरे शहर के लिए सरकारी और गैर सरकारी बसें चल पाई और ना ही पंजाब से गुजरने वाली रेल गाडिय़ां अपने -अपने गंतव्य स्थानों पर पहुंची, जिससे हजारों यात्रियों को आर्थिक नुकसान के साथ-साथ मानसिक तनाव झेलना पड़ा। जबकि स्कूली और कालेज विद्यार्थियों को भी पढ़ाई में पिछडऩा पड़ा।

औद्योगिक नगर लुधियाना में सुबह-सवेरे से ही बड़ी संख्या में दलित भाईचारे के लोग चौक घंटाघर और जालंधर बाईपास समेत नैशनल हाईवे पर कब्जा करने में कामयाब रहें। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सुप्रीम कोर्ट के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरूद्ध अपशब्दों का उपयोग करते हुए स्यापा किया। दलित समुदाय से जुड़ी महिलाओं ने छातियां पीटकर सियासी नेताओं के प्रति अपने गुस्से का इजहार किया।

प्रदर्शनकारियों ने अपने हाथों में तलवारें, लाठियां और बेसबॉल के साथ-साथ तेज हथियार थामे हुए थे और इलाके में खुली दुकानों को जबरी बंद करवाते देखे गए। सुप्रीमकोर्ट की तरफ से एससी/एसटी प्रौटैक्शन एक्ट में बदलाव के आदेशों से भडक़े अंबेदकर एकता मिशन पंजाब, बाबा साहिब दलित फोर्स व न्यू यंग वाल्मीकि फैडरेशन के सैंकड़ों कार्यकताओं ने फिरोजपुर रोड़ पर स्थित मिनी सचिवालय के बाहर अर्धनग्न होकर प्रर्दशन कर विरोध जताया। कांग्रेसी विधायक राकेश पांडे ने रोष प्रर्दशन में शामिल होकर दलित समाज के छलनी हुए ह्रदयों पर मरहम लगाकर मोदी सरकार पर अदालत को मोहरा बनाकर अप्रत्यक्ष रुप से दलितों पर अत्याचार करने के आरोप लगाए।

पंजाब प्रदेश कांग्रेस सचिव व अंबेदकर एकता मिशन के प्रदेश अध्यक्ष दीपक हंस ने उच्च न्यायलय की तरफ से एससी/एसटी प्रौटैक्शन एक्ट की धाराओं में संशोधन को मोदी सरकार की साजिश बताते हुए कहा कि भाजपा नेतृत्व ने दलितों को कमजोर करने के लिए अदालत को ढाल बनाकर दलित हितों की सुरक्षा के लिए संविधान निर्माता बाबा साहिब व वर्ष 1989 में पूर्व प्रधानमंत्री स्व.राजीव गांधी की तरफ से एससी/एसटी प्रोटक्शन के रुप में प्रदान की गई छतरी में छेद करने के प्रयत्न किए है। अजय पाल दिसावर, प्रशांत मूंग काली, सचिन धींगान ने केंद्र सरकार की तरफ से सुप्रीमकोर्ट में दायर की गई पुर्नविचार याचिका को घडिय़ाली आंसू बताते हुए कहा कि सडक़ों पर उतरे दलित समाज के गुस्से की आग ने भाजपा सरकार को कदम पीछे खींचने को मजबूर किया है।

उधर बठिण्डा में भीड़ को खदेडऩे के लिए पुलिस ने हलका लाठीचार्ज किया, क्योंकि वहां दलितों का प्रदर्शन हिंसक हो गया था। दंगाइयों ने सडक़ पर खड़े वाहनों में तोडफ़ोड़ शुरू कर दी। बठिंडा के मेहना चौक स्थित राजपूत एस्टेट में एससी कैटेगरी व राजपूत समुदाय आमने-सामने हो गया। एससी समुदाय के लोगों ने एक व्यक्ति के घर में पत्थरबाजी की, जिससे भडक़े लोगों ने गली बंद कर दी और प्रदर्शनकारियों को आगे नहीं जाने दिया। मौके पर माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। आलाधिकारीयों ने पुलिस के साथ मौके पर पहुुंचकर स्थिति को नियंत्रण किया। पटियाला में दलितों ने शेरों वाला गेट, लाहौरी गेट व अनारदाना चौक में पुतले फूंके। प्रदर्शनकारियों ने बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन के साथ-साथ शहार के प्रमुख स्थानों पर जाम लगा दिया। नाभा में दलित समुदाय द्वारा नंगी तलवारों के साथ मार्च निकाला गया।

सीमावर्ती जिले फिरोजपुर में भी प्रदर्शनकारी जम्मू तवी ट्रेन के शीशे तोड़ इंजन पर चढ़़े गए। प्रदर्शनकारियों ने डिवीजनल रेल मैनेजर के कार्यालय पर भी पथराव किया और खिड़कियां तोड़ दी। आरपीएफ ने प्रदर्शनकारियों को वहा से खदेड़ दिया। वहीं, जालंधर, अमृतसर, लुधियाना, बरनाला, पटियाला सहित अन्य जिलों में भी दलित संगठनों के लोग सक्रिय रहे। संगठनों के कार्यकर्ता सुबह-सवेरे ही सडक़ों पर उतर आए। अमृतसर में वाल्मीकि समुदाय के लोगों ने सचखंड एक्सप्रेस रोक दी, जिससे यात्री परेशान रहे। पटियाला में भी दलितों ने रेलवे ट्रेक पर डेरा जमा लिया है। इससे ट्रेनों की आवाजाही रुकी रही, जिससे कई रेल यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा । किसी भी आशंका से निपटने के लिए पुलिस ने सुरक्षा के कड़़े इंतजाम किए हैं।

अमृतसर में तडक़े चार बजे से ही समाज के लिए रेल अवरुद्ध करने के लिए सडक़ पर उतर आए। वल्ला रेलवे स्टेशन पर तडक़े पहुंचे प्रदर्शनकारी फाटक पर बैठ गए। जिस पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची और उन्होंने प्रदर्शनकारियों से 4 घंटे बाद मांगपत्र लेकर ट्रेन को रवाना किया। मजीठा रोड, फतेहगढ़ चूडय़िां रोड, हाल गेट, गिलवाली गेट, पुतलीघर, खजाना गेटों और शहर के प्रमुख बाजारों में प्रदर्शनकारी टोलियों में निकले और अपना रोष व्यक्त किया। जबकि होशियारपुर में भारत बंद के मध्यनजर चौलंगा रेलवे स्टेशन पर टाटा मोरी ट्रेन कई घंटे रूकी रही। इस अवसर पर सिख जत्थेबंदियों ने चाय, दूध और ठंडे पानी की छबील लगाकर सेवा की।

अमृतसर की तमाम सडक़ें सुनसान रही और दुकानों के शटर डाउन रहे। प्रदर्शनकारियों ने एससी एसटी पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में सरकार के खिलाफ लगाए नारे लगाए। इस दौरान गुरू की नगरी में स्थिति उस वक्त तनावपूर्ण हो गई जब बिजली घर के बाहर खड़े एक मोटरसाइकल को दंगाइयों ने तोड़ दिया। पंजाब बंद को लेकर सुरक्षा प्रबंधों को लेकर जिला पुलिस के 4500 कर्मियों के साथ पीएपी के 7000 कर्मी तैनात किए गए है।

दलित बहुल क्षेत्र फगवाड़ा के गोल चौक पर कुछ हमलावरों ने एक व्यक्ति पर तेजधार हथियारों से हमला कर दिया, जिससे व्यक्ति बुरी तरह से घायल हो गया और उसे सुरक्षाकर्मियों ने सिविल अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया है जबकि मुस्लिम बहुल क्षेत्र मालेरकोटला में भारत बंद के दौरान थिएटर बंद न होने के कारण प्रदर्शनक़ारियों ने टिकट खिड़कियों पर तोडफ़ोड़ की। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर माहौल शांत किया।

स्मरण रहे सुरक्षा के मद्देनजर सरकार ने कल ही प्रदेश में सभी स्कूल-कॉलेज, विश्वविद्यालयों को सोमवार को बंद करने के आदेश जारी कर दिए थे। सरकारी व प्राइवेट बस सेवा के साथ ही कल रात 11 बजे तक मोबाइल व डोंगल इंटरनेट सेवाएं तथा एसएमएस सेवाएं भी बंद कर दी गई थी। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा बलों के 12 हजार अतिरिक्त जवानों को फील्ड में उतारा गया है।

– सुनीलराय कामरेड

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