लुधियाना : चुनाव आयोग द्वारा नगर निगम लुधियाना के 95 वार्डों के लिए चुनावी शेड्यूल जारी करने के बाद महानगर अब चुनावी रंग में पूरी तरह से रंगता दिखाई दे रहा है। जहां आज शिरोमणि अकाली दल (बादल) ने बाजी मारते हुए सबसे पहले अपने 39 उममीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है, वहीं गठबंधन दल भारतीय जनता पार्टी द्वारा टिकट के इच्छुकों से इंटरव्यू की जा रही है। ऐसा ही सत्तारूढ कांग्रेस पार्टी में चल रहा है जहां पर भी टिकट चाहवानों से साक्षात्कार हो रहे है। आज पूरा दिन इन दोनों दलों ने अपने अपने दावेदारों से इंटरव्यू लिये। वहीं आम आदमी पार्टी व लोक इंसाफ पार्टी भी गठबंधन के तहत अपने अपने प्रत्याशियों को घोषित करने की तैयारी में है।
कांग्रेस पार्टी द्वारा आज अंबैसी पैलेस में नार्थ व आत्म नगर हल्के के प्रत्याशियों के इंटरव्यू लिये गए। जिसमें टिकट आवंटन कमेटी के चेयरमैन कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा पहुंचे। इस मौके पर बाजवा व अन्य सदस्यों ने टिकट के इच्छुकों से पार्टी टिकट व चुनाव लडने को लेकर सवाल जवाब किये। इस दौरान बडी संखया में कार्यकर्ता वहां मौजूद रहे तथा मेले वाली स्थिति बनी रही। इस मौके पर बाजवा ने कहा कि सब कुछ ठीक रहा तो कल लुधियाना के जिसको मिलना है, उनको मिलने के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रधान सुनील जाखड, आशा कुमारी, एमपी रवनीत सिंह बिट्टू व अन्य बैठकर जल्द ही फाइनल कर देंगे। चुनाव आयोग को नतीजे उसी दिन ऐलान संबंधी मिलने पर बाजवा ने कहा कि पार्टी ने अपने पक्ष रखा है, बाकी फैसला आयोग ने ही करना है। गुटबंदी के बारे में बाजवा बोले, यह कोई बडी बात नहीं है। घर में ऐसा कुछ चलता ही रहता है। बैंस बदर्स के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि लोगों की कचहरी इसका खुद ही जवाब दे देगी। दो तीन दिन में केंद्रीय नेतृत्व इस पर बैठकर फैसला कर लेगा।
उधर, भारतीय जनता पार्टी द्वारा भी आज हलका केंद्रीय व उत्तरी से पार्टी टिकट के इच्छुकों से साक्षात्कार लिए गए। इसमें जिला व प्रदेश के नेताओं के अलावा लुधियाना आब्जर्वर मनोरंजन कालिया उपस्थित हुए। पत्रकारों से बातचीत में मनोरंजन कालिया ने कहा कि भाजपा लुधियाना द्वारा निगम चुनाव के संदर्भ में दो हलकों केंद्रीय व नार्थ के आवेदकों से सक्षात्कार लिया जा रहा है। यहां से रिपोर्ट बनाकर प्रदेश चुनाव कमेटी जिसके चेयरमैन पार्टीध्यक्ष विजय सांपला है, के पास भेजी जाएगी। वह इसे अंतिम रूप देंगे। स्टेट इलेक्शन कमेटी को संविधान ने जिममेदारी दी है। दो तरह के सिद्धांत नहीं होते। पहले पटियाला, जालंधर व अमृतसर में उसी दिन रिजल्ट आ गए थे। यहां ऐसा क्यों किया, समझ से बाहर है। इससे स्टेट इलेक्शन कमिशन पर शक की गुंजाईश बन गई है। इससे पहले सीएम अमरेंद्र ने चुनाव आयोग की जगह खुद ही चुनाव का ऐलान कर दिया था। इससे आशंकाए बलवती हो रही है कि कहीं स्टेट इलेक्शन कमिशन सरकार के इशारे पर तो नहीं काम कर रहा है। अभी सरकार को साल नहीं हुआ है लेकिन कैप्टन अमरेंद्र सिंह सरकार लोक भलाई के कामों को बंद कर रही है। सेवा केंद्र व अन्य को बंद किया गया है। सरकार के पास कर्मियों को देने को वेतन नहीं है। दस महीने के कार्यकाल में यह दूसरी बार है। न तो नौकारियां है, न ही किसानों से किया वायदा पूरा किया और न ही बुढापा-विधवां पैशन व अन्य ऐलान को लागू करना तो ऐसे में ऐसी सरकार का क्या मतलब। इससे अच्छा तो यह सरकार ताला लगा ले।
इस दौरान आम आदमी पार्टी व लोक इंसाफ पार्टी द्वारा कई दिन पूर्व गठबंधन के ऐलान व सीटों पर सहमति की बात होने के बावजूद अभी अपने अपने उममीदवरों का ऐलान नहंी किया जा सका है। इसके पीछे दोनों दलों के लोकल नेतृत्व में कुछ वार्डो पर प्रत्याशी उतारने को लेकर पैदा विवाद बताया जा रहा है। आम आदमी पार्टी का नेतृत्व इस बात से भ्भी अंदरखाते खफा है कि बैंस बदर्स द्वारा अपने उममीदवारों का पहले से ही ऐलान किया जा चुका है तथा इन उममीदवारों द्वारा मीडिया में दिये जा रहे विज्ञापनों व चुनावी प्रचार के दौरान न तो कहीं आम आदमी पार्टी के चुनावी निशान झाडू व न ही सीनियर लीडरशिप के चित्र लगाए जा रहे है। जिससे यह गठबंधन होना न होना एक बराबर है। बैंस व आप में इसी रस्साकशी के चलते प्रत्याशियों की सूची का औपचारिक ऐलान नहीं किया जा सका है।
– सुनीलराय कामरेड
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