चंडीगढ़ : पंजाब में किसानों को पराली को जलाने से रोकने और पर्यावरण संक्षरण के प्रति किसानों में जागरूकता लाने के लिए मोबाइल एप्लीकेशन लांच की जायेगी। इस मोबाइल ऐप को गेहूँ की कटाई के आने वाले सीजन से पहले पूरी तरह तैयार करके लांच कर दिया जायेगा। इस ऐप पर राज्य के किसानों का डाटा अपलोड करके उनको कृषि के लिए फसलों के अवशेष को संभालने के लिए त्ररुरी महंगे यंत्रों को आम किराये (कस्टम हायरिंग) पर लेने संबंधी सुविधा मुहैया करवाई जायेगी। यह जानकारी आज यहां सहकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डी.पी। रैडी ने एक बैठक में दी। बैठक में विभाग के अधिकारियों के अलावा पंजाब रिमोट सेंसिंग सैंटर लुधियाना के अधिकारी भी शामिल थे।
श्री रेड्डी ने बताया कि विभाग एक ऐसी मोबाइल एप तैयार करने जा रहा है जिससे किसानों को गाँवों में स्थापित उन कृषि सभाओं की जानकारी प्रदान की जायेगी जिनके पास अपने ट्रैक्टर, कृषि के ऐसे मंहगे यंत्र किराये पर मौजूद हैं जिनके प्रयोग से पराली और फसलों के अवशेष को बिना जलाये ही संभाला जा सकता है। इनमें रोटावेटर, पैडी स्टराय चौपर और शरैडर (धान की कटाई के लिए मशीन), हैपी सिडर, मलचर, बेलर आदि शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सहकारिता विभाग किसान को ऐसे महंगे कृषि यंत्रों किराये पर मुहैया करवा कर पराली सँभालने में मदद करेगा। हर किसान इन यंत्रों को खऱद नहीं सकता।ऐसे में विभाग उन्हें मदद करेगा।इन यंत्रों से पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण से भी छुटकारा मिल सकेगा।
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