लुधियाना, : पंजाब में सियासी दबाव के चलते कांग्रेस सरकार के हनीमून का पीरियड अभी खत्म भी नहीं हुआ था कि अकाली-भाजपा सरकार ने पंथक मुददों के साथ-साथ किसानों की खुदकुशी, कर्जा माफी और रेत खनन के मुददे पर आज भीषम गर्मी में तारकोल और कंकरीट की सड़कों पर उतरकर कांग्रेस को जता दिया कि अगामी विधानसभा का सत्र उनके लिए आसान नही होगा। उपरोक्त मुददों को लेकर सोमवार को लुधियाना, जालंधर, बठिण्डा, अमृतसर, पटियाला समेत गुरदासपुर और राज्य के 22 जिलों के डिप्टी कमीशनर मुख्यालय के सामने रोष धरना दिया गया।
शिरोमणि अकाली दल के प्रधान एवं पूर्व उपमुखयमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने पंजाब की तीन पहले बनी कैप्टन अमरेंद्र सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को फिरोजपुर रोड़ स्थित डीसी कार्यालय के बाहर लगाए रोष धरने में चेतावनी दी है कि वह जनता के साथ किए गए अपने हर वादे को पूरा करे तथा शिरोमणि अकाली दल-भारतीय जनता पार्टी कैप्टन सरकार को इन वादों से किसी भी हालत पूरा करने से भागने नहीं देगी। उनके साथ केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा पंजाब के प्रधान विजय सांपला व अकाली-भाजपा की समूची लीडरशिप भी मौजूद थी।
सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि बड़े ही शर्म की बात है कि अभी सरकार को अढाई-तीन महीने ही हुए है सत्ता संभाले को तथा गठबंधन दल का भी यह मानना था, सरकार को कम से कम छह महीने काम करने का मौका दिया जाए लेकिन सरकार ने अपने अढाई महीने के कार्यकाल की शुरूआत ही घौटालों से की है तथा जनता से किए हर वादों से मुकरते हुए उल्टा जन सुविधाएं बंद कर दी है तथा विरोध करने वालों पर झूठे केस डाले जा रहे है। उन्होंने ऐसे पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों को भी चेताया कि झूठे केस दर्ज करने वाले अधिकारियों को हाईकोर्ट में खींचा जाएगा तथा इसके लिए अकाली दल की कानूनी विंग पैरवी करेगा।
उन्होंने वर्करों से कहा कि जहां भी उनसे या किसी पंजाबी से धक्का होता है तो इसका डटकर विरोध करें, अगर सरकार धक्केशाही करेगी तो समूची अकाली-भाजपा लीडरशिप मौके पर पहुंचकर संघर्ष छेड देगी। रेत नीलामी में घौटाले पर चर्चा करते हुए सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि इसमें अकेला कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत नहीं बल्कि पंद्रह कांग्रेस एमएलए भी शामिल है, जिन्होंने अपने रिश्तेदारों-दोस्तों के नाम पर रेत खड्ड लिए है। उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरेंद्र सिंह व उनके मंत्री विधायकों को पता है कि उन्होंने यह सत्ता पंजाब की जनता को गुमराह व झूठ बोलकर हासिल की है तथा दोबारा वह सत्ता में आने वाले नहीं है, इसलिए कैप्टन ने इन्हें लूट की खुली छूट दे दी है।
इससे आने वाले दिनों में लोगों को रेत का ट्रक पंद्रह बीस हजार की बजाये सत्तर से अस्सी हजार रूपये में मिलने की आशंका है। अमरेंद्र ने सत्ता में आने से पहले किसानों के कर्ज माफी का एफिडेविट देकर वादा किया था लेकिन अब वह मुकर रहा है। जबकि यूपी की योगी सरकार ने पहली कैबिनेट मीटिंग में ही किसानों का कर्ज माफ कर दिया। जबकि चुनावी वादा न करने वाली महाराष्ट्र की भाजपा सरकार ने भी किसानी कर्ज माफ करने का ऐलान कर दिया है। दूसरी भाजपा सरकारें भी यह कदम उठा रही है। आज पंजाब में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद करीब सौ से डेढ सौ किसान सुसाइड कर चुके है।
अमरेंद्र सिंह ने वादे तो क्या पूरे करने थे, आते ही जनहितेषी स्कीमें मुखयमंत्री तीर्थ यात्रा स्कीम इत्यादी बंद कर दी। आटा दाल तीन महीने से नहीं मिला है। शगुन स्कीम का नाम आर्शिवाद रख दिया है लेकिन नाम बदलने से लोगों के वादे पूरे नहीं होने है। हर घर में युवाओं को नौकरी व लैपटाप देने की बात करने वाले कैप्टन अब साधन जुटाने की बातें कर रहे है। जबकि इसके विपरीत पूर्व अकाली-भाजपा सरकार ने प्रकाश सिंह बादल के नेतृत्व में दस साल के शासनकाल में जनता से किए गए हर वादे को पूरा किया। पंजाब में अभूतपूर्व विकास किया, हर कोने में फोर व सिक्स लेन सडकों का जाल बिछाया गया, किसानों के ट्यूबवैलों के बिल माफी किये, 24 घंटे बिजली दी गई।
सुखबीर ने कहा कि खुद अमरेंद्र मुंबई में उद्यमियों से बिजली सरप्लस होने व पाकिस्तान को बेचने की बातें करते रहे तथा पार्टी ने अमरेंद्र को पत्र लिखकर अकाली-भाजपा सरकार का बिजली सरप्लस करने के लिए धन्यवाद करने का पत्र लिखा था। लेकिन आज हालत बदल गए है तथा पंजाब के हर शहर-गांव में बिजली कट लग रहे है।
उन्होंने कहा कि जहां पूर्व सीएम बादल व वह खुद लुधियाना में हर बीस दिन बाद आ जाते थे, वहीं अमरेंद्र लुधियाना तो दूर अपने हलके पटियाला तक नहीं गए। यहां तक कि सरकार बनने के दो महीने पर बाद श्री दरबार सािहब माथा टेकने गए, वो भी जब मीडिया में इस बात का शोर मचा। शिअद सुप्रीमो नशे के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा कि अमरेंद्र व राहुल गांधी ने मिलकर पंजाब के युवाओं को नशेडी कहकर बदनाम किया तथा एक महीने में पंजाब में नशा खत्म करने की सौंगध उठाई थी। अब उनसे मीडिया के पूछने पर पंजाब में नशा खत्म होने की बात कहते है।
लेकिन सवाल यह है कि आखिर राहुल गांधी के कथनानुसार 70 प्रतिशत कथित रूप से नशेडी युवा आखिर कौन से नशा मुक्ति केंद्रों या अस्पतालों में भर्ती है। पुलिस से उन्हें पता चला कि अढाई किलो नशा पकडा है। क्या इतने नशे ने पंजाब का युवा नशेडी बना दिया। शिअद सुप्रीमों ने लोगों से आह़्वान करते हुए कहा कि कैप्टन सरकार की तीन महीने की कारगुजारी से स्पष्ट है कि उसने जिस पर चलते हुए विकास कार्य बंद कर दिये है, वही अब अकाली-भाजपा सरकार के पुन: पंजाब में सत्ता में आने पर ही शुरू होंगे। इस निक्कमी सरकार ने पंजाब में एक र्इंट भी विकास के नाम पर नहीं रखनी है।
इस मौके पर पंजाब भाजपा प्रधान विजय सांपला ने इतिहास में यह पहली बार है कि केवल तीन महीने में ही किसी सरकार के खिलाफ जनता सडकों पर उतर आई है। उन्होंने कहा कि जहां केंद्र की मोदी सरकार तीन साल में बिना किसी घौटाले के प्राप्तियों को जनता को बता रही है, वहीं कैप्टन सरकार के तीन महीने के कार्यकाल में तीन से अधिक घौटाले हो चुके है।
उन्होंने अमरेंद्र सरकार को घेरते हुए यह भी कहा कि तीन महीने के अंदर कम से कम 75 किसान आत्महत्याएं कर चुके है, उन्होंने आरोप लगाए कि चुनावों के दौरान किसानों को कर्जा माफ करने का वायदा करने वाली कांग्रेस वायदों से मुकर रही है। मुखयमंत्री सभी वादे भुलाकर व महान शखसीयतों को भी नजरअंदाज करके शिमला में अपने पडोसी मुल्क मेहमान के जन्मदिन मनाने में मशरूफ है। इस मौके पर शरणजीत सिंह ढिल्लों, इंद्रइकबाल सिंह अटवाल, हीरा सिंह गाबडिया, जीवन गुप्ता, रविंदर अरोडा, कमल चेतली, गुरदीप सिंह गोशा, गुरप्रीत सिंह बब्बल, बलजीत सिंह छत्तवाल, रजनीश धीमान, राजिंदर खत्री, गुरचरण सिंह ग्रेवाल, प्रेम मित्तल, रणजीत सिंह ढिल्लों, हरभजन सिंह डंग आदि उपस्थित हुए। बाद में अकाली-भाजपा के जिला नेतृत्व ने मिलकर डीसी लुधियाना को एक मैमोरंडम भी दिया।
– सुनीलराय कामरेड