लुधियाना- फरीदकोट : शिरोमणि अकाली दल ( शिअद ) प्रमुख और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को आज सेशन अदालत द्वारा उनके खिलाफ 12 सालों से चल रहे एक फौजदारी मामले में राहत देते हुए उस अपील को खारिज किया है। अपीलकर्ता ने अपनी फौजदारी अपील खारिज होने पर मानयोग हाईकोर्ट में जाने की बात कही है। आज जिला व सेशन जज फरीदकोट में सुखबीर सिंह बादल अपने चुनिंदा समर्थकों के साथ पहुंचे हुए थे। इस दौरान पुलिस ने समस्त बंदोबस्त कर रखे थे। न्यायधीश सतिंदर सिंह की अदालत के फैसले से सुखबीर सिंह बादल ने राहत महसूस की।
जानकारी के मुताबिक अदालत ने साल 1999 के लोकसभा चुनावों के दौरान एक घटना के संदर्भ में 30 जून 2006 को थाना सिटी कोटकपूरा में दर्ज हुए आपराधिक मामले में शिकायतकर्ता नरेश सहगल की अपील को खारिज कर दिया।
केस में करीब दो साल पहले 2 अप्रैल 2016 को यहां के जेएमआइसी सतीश कुमार की अदालत से सुखबीर सिंह बादल सुबूतों के अभाव में बरी कर दिया था। इस फैसले के खिलाफ शिकायतकर्ता नरेश कुमार सहगल ने सेशन कोर्ट में अपील दायर की हुई थी। इस केस की सुनवाई के दौरान सुखबीर सिंह बादल भी अदालत के समक्ष पेश हुए और अपील खारिज होने के बाद उन्होंने कहा कि उन्हें भारतीय न्याय प्रणाली पर पूरा भरोसा है।
स्मरण रहे, घटना वाले दिन 5 सितंबर 1999 को जिला फरीदकोट के कोटकपूरा शहर में मीडियाकर्मी नरेश सहगल ने उस समय फरीदकोट संसदीय सीट से शिअद उम्मीदवार सुखबीर सिंह बादल व उनके साथियों पर मारपीट करने व कैमरे छीनने के आरोप लगाया था।
पुलिस में सुनवाई न होने पर सहगल ने पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी और इस याचिका पर हाई कोर्ट की हिदायतों पर थाना सिटी कोटकपूरा पुलिस ने 30 जून 2006 को बादल व उनके साथियों पर आइपीसी की धारा 307,323 व 392 के तहत दर्ज किया गया था। केस में दो साल पहले निचली अदालत ने बादल को बरी कर दिया था। इस केस में बादल के साथ तत्तकालीन चेयरमैन मार्कफेड जगदीश सिंह वालिया भी आरोपित थे, जिनकी बाद में मौत हो गई थी।
– सुनीलराय कामरेड
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