लुधियाना-फाजिलका: देश के लिए सर्वोच्च बलिदान कर देने वाले शहीदों को नमन करने के लिए आज भारत-पाकिस्तान सीमावर्ती जिले फाजिलका में शहीद मेजर सुरेंद्र प्रसाद के जन्म दिवस पर पंजाबी सांस्कृतिक मंच द्वारा शहीद स्मारक पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें मंच के चेयरमैन बी.एल सिक्का ने मेजर सुरेंद्र प्रसाद की शहादत को बेमिसाल बताते हुए कहा कि ऐसे बलिदानी पर पूरे इलाके को सदैव गर्व रहेगा। सैनिकों द्वारा जिस प्रकार सीमाओं पर देश की रक्षा की जाती है, उसे देखते हुए पूरे समाज का उनके प्रति कृतज्ञ रहना आवश्यक है।
जिक्रयोग है कि 1965 के भारत-पाक युद्ध में शत्रु सेना से खेमकरण सेक्टर में गट्टी जैमल सिंह गांव के पास भारतीय भूमि मुक्त करवाने के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले मेजर सुरेंद्र प्रसाद ने डटकर दुश्मनों से लोहा लेते हुए शहदात का जाम पिया था। लेखक परिषद के प्रधान राज सदोष ने उस समय के संस्मरण सांझे करते हुए कहा कि पूर्व विधायक मास्टर तेग राम के सुपुत्र मेजर सुरेंद्र प्रसाद को उसके पैतृक शहर अबोहर में हजारों लोगों ने नमन आंखों से श्रद्धांजलि अर्पित की थी। पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की पत्नी ललिता शास्त्री शहीद स्मारक का अनावरण करने स्वयं अबोहर आई थीं।
मंच के प्रधान गुरचरण सिंह गिल के नेतृत्व में स्मारक पर पुष्प अर्पित करने वालों में पूर्व पार्षद गीता चौधरी, शहीद के निकट संबंधी सुमित गोदारा, कुलभूषण हितैशी, सुशील चौधरी, चिमन लाल वधवा, अंकुश छाबड़ा, गुलशन गुम्बर, दीपक मेहता, संजीव वर्मा, देसराज कंबोज एडवोकेट तथा दर्शन चुघ आदि शामिल थे।
– सुनीलराय कामरेड