जालंधर : आतंकवाद के दौर में अमेरिका सहित कई देशों की ‘शरण’ लेकर बैठे पंजाब के सिख परिवार वतन लौटने के लिए उत्सुक हैं। भारत सरकार द्वारा इन सिखों को ‘काली सूची’ में शामिल कर रखा है। इनके परिवारों को भी भारत सरकार वीजा नहीं दे रही है। इनमें से कई सिखों को भारत सरकार ने ‘ Hidden blacklist ‘ में शामिल कर रखा है।
वही काली सूची में शामिल पंजाब के कई लोगों को भारत आने की अनुमति देने की मांग पंजाब के मुख्यमंत्री की केंद्र सरकार से की थी वही आज आरएसएस और बीजेपी ने भी इस मुद्दे पर सहमति जताई है।
आरएसएस पंजाब प्रमुख ब्रजभूषण सिंह बेदी ने कहा कि अगर कुछ ऐसे लोग हैं जो प्रतिबंधित हैं और अब वे मुख्यधारा में लौटना चाहते हैं तो ठीक है कि वे मुख्यधारा में लौटें, यह सामाजिक स्तर पर भी एक अच्छा कदम होगा।
आरएसएस पंजाब प्रमुख ने कहा कि विदेशों में रह रहे ऐसे लोगों का संपर्क आम जनता से एकदम कट गया है। कुछ लोग अभी भी हैं जो खालिस्तान आंदोलन में सक्रिय हैं लेकिन उनका यहां से कोई जमीनी संपर्क नहीं है और जो लोग यहां आना चाहते हैं अथवा मुख्यधारा में शामिल होना चाहते हैं तो उन्हें आना चाहिए।
rssयह पूछने पर कि हो सकता है वे यहां आकर अस्थिरता फैलायें, बेदी ने कहा, ”सचाई यह है कि जो लोग खालिस्तान आंदोलन में सक्रिय हैं, उन्हें भी दरअसल यह नहीं पता है कि ‘खालिस्तान’ क्या है। ऐसे लोग भारत आने पर भी कुछ करने की स्थिति में नहीं होंगे क्योंकि उनकी ‘ऐसी’ बात सुनने वाला भी पंजाब में कोई नहीं है। कुछ लूट…मार करने वाले लोग जरूर इसका फायदा उठाते हैं।” उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता को अब इसमें कोई भरोसा नहीं है, इसलिए वे यहां आकर भी कुछ नहीं कर सकते हैं।
वहीं बीजेपी के विजय सांपला ने कहा, ”काली सूची में अब मुट्ठीभर लोग रह गए हैं । केंद्र सरकार इस संबंध में विचार कर रही है । इससे पहले भी अकाली भाजपा सरकार के दौरान यह मुद्दा उठा था ।”
सांपला ने कहा, ”जो लोग भूल करके यहां से चले गए थे और विदेशों में रहने लगे, अब उन लोगों को यह बात समझ में आ गई है कि आतंकवाद में कुछ नहीं रखा है । आतंकवाद के रास्ते पर चलकर कुछ हासिल नहीं किया जा सकता है, इसलिए उन लोगों के भारत आने से किसी भी क्षेत्र में कोई गड़बड़ी नहीं फैलेगी ।”
विजय सांपला ने कहा, ”आतंकवाद और हिंसा में कुछ नहीं रखा है, लेकिन विकास में सबकुछ है। विकास के माध्यम से ही समाज और राष्ट्र का निर्माण होता है, इसलिए जिन लोगों को यह महसूस हो गया है कि आतंकवाद में कुछ नहीं है तो मुख्यधारा में उनका स्वागत है ।”
हालांकि, संघ पृष्ठभूमि के बीजेपी प्रवक्ता राकेश शांतिदूत ने कहा, ”ठीक है कि काली सूची में शामिल लोगों को भारत आने की अनुमति मिलनी चाहिए लेकिन सरकार को सचेत भी रहना चाहिए और सबकी उचित छानबीन के बाद ही ऐसे लोगों को यहां आने की अनुमति दी जानी चाहिए।”
वही गौरतलब है कि पिछले महीने पंजाब के मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृहमंत्री से मुलाकात कर काली सूची में शामिल सिखों को मुख्यधारा में लाने और भारत आने की अनुमति दिये जाने की मांग की थी । केंद्रीय गृहमंत्री ने उन्हें इस पर विचार करने का आश्वासन दिया था ।
काली सूची में शामिल लोगों से प्रतिबंध हटाने का विरोध करने वाले आतंकवाद निरोधक मोर्चे के प्रमुख बिट्टा ने इस बारे में टिप्पणी करने से इंकार कर दिया ।