लुधियाना-खन्ना : 23 अप्रैल 2016 को खन्ना में शिव सेना के पंजाब मजदूर विंग के प्रमुख नेता दुर्गादास गुप्ता के चर्चित कत्ल कांड जिसकी परतें खोलने की जिम्मेदारी केंद्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) कर रही है, के एक प्रमुख गवाह द्वारा मंगलवार की सुबह नहर में छलांग लगाकर खुदकुशी कर लिए जाने की खबर है। सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा बार-बार पूछताछ से तंग आएं मृतक गवाह घटना स्थल के पास चौराहे पर जूतों की मुरम्मत करने वाला मोची था। जिसने शिवसेना नेता दुर्गादास गुप्ता को अज्ञात व्यकितयों द्वारा ललहारी चौक पर छलनी किए जाने के पश्चात घटना स्थल से अन्य के साथ उठाकर अस्पताल पहुंचाया था।
जानकारी के मुताबिक जिस चौक में हिंदू नेता का कत्ल हुआ था, उस चौराहे पर मृतक मोची रामपाल निवासी बिल्लावाली दुपड़ी खन्ना में आजकल फड़ी लगाता था। कत्ल मामले की जांच कर रही एनआईए की विशेष टीम पंजाब पुलिस के माध्यम से रामपाल को जबरदस्ती गवाह बनने के लिए खाकी वर्दी और अपने रूतबे का रौब डाल रही थी। एनआईए द्वारा रामपाल को पूछताछ के बहाने बार-बार बुलाया जा रहा था। इसी कारण परेशान होकर रामपाल ने आज सुबह खन्ना के साथ लगती सरहिंद नहर में छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि खुदकुशी करने से पहले मृतक ने अपने घर में पारिवारिक सदस्यों को फोन भी किया था।
सूत्रों का कहना था कि रामपाल को आज भी एनआईए ने पूछताछ के लिए बुलाया था। लेकिन इससे पहले ही उसने खुदकुशी करके अपनी जीवन लीला खत्म कर दी। मृतक रामपाल के बेटे मनीष कुमार ने कहा कि पुलिस द्वारा उसके पिता को आये दिन तंग किया जा रहा था। इसके कारण वह काफी दिनों से परेशान थे। पुलिस पूछताछ के लिए उन्हें कभी भी कहीं भी बुला देती थी। पुलिस ने पिता को डराने धमकाने की कोशिश भी की। उन्हें मामले में धक्के से गवाह बनाया जा रहा था।
मनीष के मुताबिक सोमवार शाम को उसके पिता ने कहा था कि मंगलवार को सुबह उससे एनआइए ने पूछताछ करनी है। इसके लिए वह सुबह नौ बजे उसे अपने साथ ले जाएंगे। बार-बार की पूछताछ से रामपाल परेशान हो गया था। इससे आहत होकर उसने आज खुदकशी कर ली। बता दें कि खन्ना में 23 अप्रैल 2016 को शिव सेना नेता दुर्गा गुप्ता की हत्या कर दी गई थी। मामले की जांच अब एनआइए कर रही है।
हत्याकांड में पंजाब के टारगेट किलिंग मामलों में पुलिस की तरफ से शार्प शूटर हरदीप सिंह शेरा समेत उसके साथियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इन मामलों की जांच कर रही एनआइए मौके के गवाहों की तलाश में है, लेकिन कोई भी दुकानदार गवाही देने या कोई जानकारी देने से कतरा रहा है। एनआइए ललहेड़ी रोड चौक पर मोची का काम करने वाले रामपाल को गवाह बनाना चाहती थी। जहां दुर्गा गुप्ता को गोलियां मारी गई थी, वहां से कुछ कदमों पर मोची बैठता था। इसी मोची ने दुर्गा को लहूलुहान देखकर उठाया था और लोगों की मदद से सिविल अस्पताल खन्ना पहुंचाया , इसलिए एनआइए की नजर इस मोची पर टिकी थी।
– सुनीलराय कामरेड
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