लुधियाना-गुरदासपुर : जबर-जनाह के मामले का सामना कर रहे पूर्व अकाली मंत्री और शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी सदस्य सुच्चा सिंह लंगाह को आज मानयोग एडीशनल और सेशन जज की अदालत में पेश किया गया। जहां एएसआई, बैरक अधिकारी और डॉक्टरों की विशेष टीम की अगुवाई के पश्चात मानयोग अदालत द्वारा अगली पेशी 26 मार्च को डाली गई है।
स्मरण रहे पंजाब की सियासत में बड़ा धमाका करने वाली और पूर्व मंत्री सुच्चा सिंह लंगाह के सियासी जीवन को ग्रहण लगाने वाली पीडि़त महिला ने 28 फरवरी को अपने बयानों से मुकर गई थी और जिला सैशन जज प्रेम कुमार की अदालत में आज पुलिस ने तीन गवाहों के बयान दर्ज करवाएं, उनमें सहायक पुलिस इंस्पेक्टर जसविंद्र सिंह, सिविल अस्पताल की महिला डॉक्टर चेतन और गांव लंगाह जटटा के सरकारी बैंक मैनेजर अजय कुमार शामिल थे। आज इन तीनों गवाहों के बयान अदालत में कलमबद्ध हुए और किसी को भी अदालत तक नहीं आने दिया गया।
लंगाह को भारी सुरक्षा बंदोबस्त के तहत पटियाला जेल से आज गुरदासपुर लाया गया और उनके अदालत में पहुंचने पर गवाहों के बयान सरकारी वकील ने दर्ज करवाएं। पहले गवाह सहायत सब-इंस्पेक्टर जसविंद्र सिंह की तरफ से हुई, जो डीएसपी स्पैशल ब्रांच के रीडर है। इसके बाद अदालत में गांव लंगाह जटटा के सरकारी मैनेजर अजय कुमार ने बयान कलमबद्ध करवाते हुए पुष्टि की कि जिस औरत के बयान के आधार पर पुलिस ने केस दर्ज किया था, उसने बैंक में खात खुलवाया था। आखिरी गवाही से मुकरने वाली महिला हरिंद्र कौर निवासी सोहल का मैडीकल करने वाली डॉक्टर चेतना का था और उसने मैडीकल संबंधित सिविल अस्पताल का रिकार्ड अदालत में पेश किया। इस अवसर पर सुच्चा सिंह लंगाह अदालत में मौजूद रहें।
स्मरण रहे कि विजिलेंस विभाग पठानकोट द्वारा गुरदासपुर लोकसभा उपचुनाव के दौरान पूर्व अकाली मंत्री सुच्चा सिंह लंगाह के खिलाफ पठानकोट में तैनात विधवा महिला हरिंद्र कौर ने 28 सितंबर 2017 को जिला पुलिस प्रमुख गुरदासपुर को लिखित शिकायत देकर आरोप लगाएं थे कि सुच्चा सिंह लंगाह ने उनके साथ 2009 से लगातार जबरी संबंध बनाएं थे। उसका यह भी कहना था कि लंगाह पहले उसको धमकियां देता था और अब मामला दर्ज होने के बीच अदालत में लंगाह के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज करवाने वाली पीडि़त महिला ने अपने पूर्व दिए गए बयानों से पलटते हुए अदालत को स्पष्ट किया है कि वीडियो में वह नहीं और ना ही उसने लंगाह के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था। महिला का यह भी कहना था कि लंगाह के खिलाफ दर्ज एफआईआर के ऊपर उसने कभी भी अपने हस्ताक्षर नहीं किए। कुल मिलाकर इस मामले में सुच्चा सिंह लंगाह को बड़ी राहत मिलती दिखाई दे रही है।
इससे पहे भारी सुरक्षा बंदोबस्त के तहत सुच्चा सिंह लंगाह को अदालत में पेश किया गया और अदालत ने अगली पेशी 26 मार्च को र्निधारित की है। जबकि इस दौरान 38 गवाहों के बयान दर्ज करवाएं जा चुके है।
कानूनी विशेषज्ञों के मुताबिक उक्त महिला ने अदालत को एफीडेवेट देकर स्पष्ट किया है कि वह कोई भी कार्यवाही नहीं करना चाहती और शिकायतकर्ता के मुकर जाने के पश्चात लंगाह जल्द ही जेल से बाहर आ जाएंगे। उधर सुच्चा सिंह लंगाह ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि वह बहुत ज्यादा बीमार हे। इसके बावजूद उनका इलाज नहीं करवाया जा रहा। स्मरण रहे कि वीडियो वायरल होने और कानूनी कार्यवाही के पश्चात श्री अकाल तख्त साहिब ने सुच्चा सिंह लंगाह के खिलाफ कार्यवाही करते हुए पंथ से बेदखल कर दिया था।
– सुनीलराय कामरेड
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