मोसुल से अगवा हुए 39 भारतीय नागरिकों की मौत की जानकारी को लेकर आज विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कांग्रेस पर साधा निशाना है बता दे कि मोसुल से अगवा हुए 39 भारतीय नागरिकों की मौत की जानकारी संसद में देने के बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
उन्होंने कहा कि सुबह मैंने जाकर वेंकैया जी से बात की तो उन्होंने कहा कि मैं नेताओं से बात करूंगा कि वे सदन में शांति बनाए रखें। सभी ने बहुत शालीनता से मेरी बात सुनी। मुझे लगा कि लोकसभा में भी ऐसा होगा। मैंने वेल में आने वाले, प्रदर्शन करने वाले सांसदों से बात की।
उन्होंने कहा कि हम वेल में तो रहेंगे, लेकिन खामोश रहेंगे। लोकसभा में हंगामे का नेतृत्व कांग्रेस ने किया। इसका नेतृत्व ज्योतिरादित्यजी ने किया। क्या संवेदनशीलता खत्म हो गई है?
आज विपक्ष का व्यवहार सीमा पार कर गया। सरकार की पूरी बात रिकॉर्ड में आ गई, ऐसा कैसे हो गया। लोकसभा में जितने भारी मन से गई थी, उससे भारी मन से लौटी। क्या मौत पर भी हम राजनीति करेंगे? राज्यसभा में वे देख चुके थे कि मैं अशुभ समाचार देने आई हूं। लेकिन लोगों को उन्होंने सुनने नहीं दिया। मैं कांग्रेस से पूछना चाहती हूं कि ऐसी कौन सी वजह थी कि उन्होंने सदन की कार्यवाही बाधित की।
आपको बता दे कि इससे पहले उन्होंने बताया, इराक के मोसुल में लापता सभी 39 भारतीय मारे गए। हरजत मसीह की कहानी सच्ची नहीं थी। वह इराक से बच निकला था। आईएसआईएस ने सभी भारतीयों की हत्या की। राज्यसभा में सुषमा ने कहा कि कल हमें जानकारी मिली है कि 38 लोगों के डीएनए नमूने मेल खाते हैं और 39 वें व्यक्ति के डीएनए का 70 प्रतिशत है मेल खा रहा है।
विदेश मंत्री ने कहा कि इराक में मारे गए भारतीयों के नश्वर अवशेषों को वापस लाने के लिए वीके सिंह इराक जाएंगे और मृतकों के पार्थिव शरीर भारत लेकर आएंगे। अवशेष ले आने वाला विमान पहले अमृतसर, फिर पटना और फिर कोलकाता जाएंगे। विमान के जरिए शवों को पंजाब, हिमाचल, पटना और पश्चिम बंगाल पहुंचाया जाएगा।
उन्होंने कहा, सभी पार्थिव शरीर भारत लाए जाएंगे और राज्य सरकार को सौंपे जाएंगे। इनमें से 31 पंजाब के रहने वाले थे। इससे पहले सरकार की ओर से इराक में लापता 39 भारतीयों का पता लगाने के लिए हरसंभव प्रयास करने बात की गयी थी।
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