लुधियाना- अमृतसर : इराक में आतंकी संगठन आईएस द्वारा बंधक बनाए गए 39 भारतीयों के परिजनों को आज डीएनए टेस्ट के लिए अमृतसर गर्वमेंट मेडिकल कालेज लाया गया है । 8 भारतीयों के परिवार डीएनए टेस्ट के लिए पहुंचे। लेकिन उनका डीएनए नहीं हो पाया क्योंकि फोरेंसिक लेब में किट मौजूद नहीं थी। परिजनों का कहना है कि लगभग 3 साल बाद अचानक डीएनए करवाना अच्छा संकेत नहीं है और उन्हें इराक में फसे उनके परिजनों के बारे में कुछ भी बताया नहीं गया है। एक महिला परिजन गुरबिंदर व सरवन सिंह का कहना है कि उनके परिजन इराक में पैसा कमाने गए थे लेकिन वहा आईएस द्वारा बंधक बना लिया गया और आज तक उन्हें वहा की कोई खबर नहीं मिली।
परिजनों का कहना है की उन्हें यहाँ डीएनए के लिए तो बुला लिया गया लकिन यहाँ आकर उन्हें बताया गया कि उनके पास किट ही नहीं है जिस वजह से आज उनके सैंपल नहीं लिए गए और उन्हें दोबारा बुलाया गया है। जबकि डीएनए टैस्ट करवाने के लिए ऐसी ही शिकायत करवाने की ऐसी ही शिकायत अन्यों ने की है। इसी संबंध में बातचीत करते हुए गुम हुए भारतीयों में से एक मनजिंद्र सिंह की बहन गुरपिंद्र कौर ने भी कहा कि उनको भी डीएनए टैस्ट के लिए दिल्ली बुलाया गया था लेकिन सरकार द्वारा उन्हें सही बताया नहीं जा रहा, जिस कारण वह काफी परेशान है।
स्मरण रहे कि इराक में खूंखार, दहशतगर्त जत्थबंंदी आईएसआईएस द्वारा 39 भारतीयों के परिवारों के नजदीकी वारिसों को डीएनए टैस्ट करवाने के आदेश हुए थे। इन नौजवानों में अधिकांश् पंजाबी है और इनका डीएनए टैस्ट अमृतसर के सरकारी मैडीकल कालेज में होना था। अमृतसर के 8 नौजवानों से संबंधित परिवारों ने यहां डेरा डाला था परंतु टैस्ट नहीं हुए। उधर प्रशासन का कहना है कि ये पीडि़त परिवार मैडीकल कालेज में आ गए परंतु उनके पास डीएनए टैस्ट के नमूने लेने वाली जरूरी किट नहीं है। पीडि़त परिवार बहुत सहमे है। उनका कहना है कि उनके बेटे इराक में पैसा कमाने की खातिर गए थे, परंतु अभी तक उनकी खबर नही है।
जिक्रयोग है कि 2014 में इराक की इस्लामिक स्टेट की लड़कियों ने 39 भारतीयों का अपहरणकर लिया था। हालांकि 2017 में इराकी सेना ने मोसूल शहर को आईएसआई के कब्जे से छुड़वा लिया परंतु उनमें भारतीयों का कोई नामोनिशान नहीं मिला जबकि भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज कई बार कह चुकी है कि अपहरण किए गए नौजवानों की रिहाई के लिए प्रयास जारी है। हालांकि अपहरणकर्ताओं के चुंगल से निकलकर आए गुरदासपुर के गांव काला अफगान के हरजीत मसीह ने बताया था कि आईएस ने सभी अपहरणकर्ताओं को मार दिया है। जबकि दूसरी तरफ सुषमा स्वराज भारतीयों को सुरक्षित कहकर संदेश दे रही है।
– सुनीलराय कामरेड