लुधियाना : आज राष्ट्रीय राजमार्ग पर लुधियाना-जालंधर के मध्य लाडोवाल टोल प्लाजा पर पंजाब भर के पत्रकारों ने अपने साथ हो रही धक्केशाही के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में सतलुज प्रैस वेल्फेयर क्लब, प्रैस लाइंस क्लब और जर्नलिस्ट प्रैस क्लब पंजाब के अलावा अलग-अलग समूह पत्रकारों ने भी अपने-अपने स्तर पर समर्थन दिया हुआ था। पत्रकारों के साथ कई सामाजिक, सियासी और धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधि भी टोल प्लाजा पर शांतमयी ढंग से रोष प्रदर्शन करते दिखे। इस अवसर पर लोक इंसाफ पार्टी और लुधियाना के विधायक सिमरनजीत सिंह बैंस, कांग्रेसी आगु रमनजीत सिंह लाली और आप के विधायक का चुनाव लड़ चुके जीवन सिंह संगोवाल, चेयरमैन सतनाम सिंह हंबड़ा भी पत्रकारों के समर्थन के लिए पहुंचे।
उल्लेखनीय है कि पंजाब के समस्त टोल प्लाजों पर पत्रकारों के साथ धक्केशाही और बदसलूकी की जा रही है। हालांकि पंजाब सरकार ने अपनी तरफ से पत्रकारों को टोल प्लाजा माफ करने की हिदायतें दे रखी है। नोटिफिकेशन जारी होने के बावजूद पत्रकारों से लाडोवाल टोल प्लाजा पर राष्ट्रीय हाईवे की आड़ पर जबरी पैसे वसूले जाते है। जनर्लिस्ट प्रैस क्लब के प्रधान मनजीत सिंह मान के मुताबिक लाडोवाल टोल प्लाजा के प्रबंधक पंजाब सरकार के नोटिफिकेशन को नहीं मानते, जिससे पत्रकारों में काफी रोष पाया जा रहा है। हालांकि पंजाब के अधिकांश पत्रकार लुधियाना, खन्ना, मालेरकोटला, संगरूर, राजपुरा और फतेहगढ़ से जुड़े पत्रकार अखबारों के शहर जालंधर में अकसर पत्रकारिता से संबंधित काम निपटाने के लिए आते-जाते रहते है, जिससे उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
उपरोक्त नेताओं ने पत्रकारों का समर्थन करते हुए कहा कि पत्रकार समाज का चौथा स्तंभ है। अगर पत्रकारों के साथ ही धक्का किया जाएंगा तो हम चटटान की तरह इनके साथ खड़े हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि टोल प्लाजा के कई कर्मचारी अकसर गुंडागर्दी पर उतर आते है। प्रैस क्लब के पदाधिकारियों ने मांग की कि इस टोल प्लाजा से पंजाब के पत्रकारों को छूट मिलनी चाहिए। हालांकि आज के प्रदर्शन को देखते हुए समस्त टोल प्लाजा को पुलिस प्रशासन ने छावनी में तबदील कर दिया था। रोष प्रदर्शन दोपहर 3 घंटे तक चला। टोल प्लाजा के प्रबंधक चंचल सिंह राठौर ने कहा कि प्रैस क्लब द्वारा पहले भी जो मांग पत्र दिया गया था उसे एनएएच आई के उच्च अधिकारियों को पहुंचा दिया गया परंतु ऊपर से कोई भी जवाब नहीं मिला। उन्होंने पत्रकारों को विश्वास दिलाया कि उन्हे एक हफते का समय दिया जाएं ताकि इस दौरान कोई निर्णय लिया जा सकें।
– सुनीलराय कामरेड