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डेरा सच्चा सौदा से 10 हजार करोड रूपये की नुकसान की भरपाई के लिए उद्योग जगत हुआ लामबंद

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लुधियाना  : 25 अगस्त को डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को सीबीआई की अदालत द्वारा दुष्कर्मी घोषित करार दिये जाने के बाद पंचकूला सहित पंजाब व हरियाणा के कई हिस्सो में भडकी हिंसा व आगजनी की घटनाओं के मद्देजनर जहां बेशकमी 38 जानें चली गई, वहीं सरकारी व गैर सरकारी संपत्ति का आंकलन जारी है। पंजाब सरकार ने समस्त जिलों में हुए नुकसान का ब्यौरा जिला अधिकारियों से मांगा है। इसी मद्देनजर लुधियाना में पिछले चार दिनों के दौरान पंजाब का कारोबार ठप्प होने के कारण उद्योगपतियों ने दस हजार करोड रूपये का माली नुकसान होने का अनुमान है। उस नुकसान की भरपाई डेरा सच्चा सौदा के प्रबंधकों से करवाने के लिए पंजाब के उद्योगिक संगठनों के प्रमुख एवं कारखानेदार एकजुट होने शुरू हो गए है।

लुधियाना के कुछ प्रतिष्ठित औद्योगिक घरानों के प्रतिनिधियों ने मुखयमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह को पत्र लिखकर इन चार दिनों के दौरान हुए नुकसान के मुआवजे की दुहाई देते हुए अपील करने का कार्यक्रम बनाया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार डेरा सच्चा सौदा के प्रेमियों द्वारा की गई हिंसा के मद्दैनजर अधिकांश होटलों में खाने-पीने के खाद्य पदार्थ व औद्योगिक नगरी लुधियाना में हौजरी, साइकिल पार्टस व खेतीबाडी, सिलाई मशीन, आटो पार्टस व अन्य कारोबारियों में डर व सहम का माहौल था। जिसके चलते उन्होंने अपने औद्योगिक घरानों में सैंकडों लेबर दिहाडीदार मौजूद होने के बावजूद अपने अपने उत्पाद का उत्पादन करने से रोके रखा। हालांकि उनका पहले से ही मौजूद उत्पादन ट्रकों व रेल गाडियों के माध्यम से देश के दूसरे हिस्सों में जाता था। वह भी डंप होने के कारण समय पर नहीं पहुंच पाया।

जिसके चलते उनके कारोबारी करार को नुकसान पहुंचा। इसी प्रकार के हालात जालंधर, बटाला व अमृतसर में भी देखने को मिले है। जबकि मालवा के इलाके श्री मुक्तसर साहिब, मलौट, बठिंडा, गिद्दडबाहा, फाजिल्का व फिरोजपुर में अचानक लगे कफर्यू के कारण हलवाई उद्योग से जुडे कारोबारी व दूधारू पशुओं का दूध बेचकर कारोबार करने वाले डेयरी फार्म के मालिकों ने भी एकजुट होने का निर्णय लेते हुए कई हजार करोडों रूपये का नुकसान होने का दावा ठोका है।

अन्य जानकारी के अनुसार लुधियाना के आद्यौगिक काराखानेदारों द्वारा जहां अपने कर्मचारियों से ओवर टाइम लगाना बंद कर दिया था, वहीं दिहाडीदार के तौर पर काम कर रहे मजदूरों ने भी अपने अपने संगठनों द्वारा एकजुट होकर इलाके के जिला अधिकारियों से संपर्क साधा है। उधर, उद्योग जगत की अगुवाई करने वाली संस्था चैंबर आफ कामर्शियल अंडरटेकिगज ने भी संगठनों से संपर्क करके नुकसान की सूची तैयार करने के बाद सीएम के जरिये पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट को भेजने की तैयारी की है।

– सुनीलराय कामरेड

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