लुधियाना : सकंद पुरान में वर्णन किया गया है कि मृत्यु के बाद हरिद्वार और पिहोवा में पित्रों की गती कराने के लिए पिंडदान का अहम महत्व है। ऐसे में पिहोवा हिंदुओं के पावन तीर्थ स्थल में शामिल है। क्योंकि हिंदु रिती-रिवाजों के अनुसार हर किसी को अपने पित्रों की गती कराने के लिए यहां आना ही पड़ता है और वहां बने सरोवर में नहाने के बाद पूजा अर्चना कर पिंड दान करना होता है।
लेकिन समय की मार कहें या फिर प्रशासनिक और सियासत दखलंदाजी के उपरांत उदासीनता यहां के स्वच्छ सरोवर ने आज बदबूदार और गंधला पानी का जमा हुआा स्त्रोत बन चुका है, जिसमें कर्मण गति करवाने आएं शोकग्रस्त व्यक्ति को मजबूरन नहाने के लिए उतरना ही पड़ता है। इतना ही नही आर्थिक तौर पर संपन्न न होने के कारण कई लोगों को तो गती कराने पर आने वाले खर्च से भी दो-चार होना पड़ता है। इस संवेदनशील मामले पर संज्ञान लेते हुए लुधियाना के कारोबारियों ने एकजुट होकर पावन तीर्थ की नुहार बदलने का बीड़ा उठाया है।
ईस्टमैन इंपैक्स के सीएमडी की अगुवाई में लुधियाना मां सरस्वती ट्रस्ट के बैनर तले मनोज तिवारी, दीपक शर्मा और अविनाश शर्मा ने पिहोवा के 1370 फीट लंबे, 130 फीट चौड़े और साढ़े चार फीट गहरे सरोवर की सफाई का प्रोजेक्ट अपने हाथों में लिया है। जिसपर साढ़े चार करोड़ रूपए खर्च होने का अनुमान है। इसके तहत सरोवर का सौंदर्यकरण करके स्वच्छ पानी की निकासी के अलावा वहां सालिड वेस्ट स्कैनर भी लगाया जाएगा। इतना ही नही ट्रस्ट किसी जरूरतमंद को गती करवाने पर आने वाले खर्च को भी वहन करेगा।
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– सुनीलराय कामरेड