नई दिल्ली : मानसून के चलते हो रही भारी बारिश देशभर में सितम ढा रही है। भारी बारिश के चलते उत्तर भारत के कई राज्यों में आम जिंदगी प्रभावित हुई है। जहां उत्तराखंड में तीर्थ यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है वहीं असम में बाढ़ से जिंदगी मुहाल है। बारिश के चलते असम समेत देश के अलग-अलग राज्यों में अब तक 57 लोगों की मौत हो गई है। इनमें से 44 तो सिर्फ असम से हैं।
कई राज्यों में राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित
भारी बारिश व बाढ़ से बुधवार को उत्तर प्रदेश में सात, असम में पांच, मध्य प्रदेश में दो, उत्तराखंड दो व बिहार में एक व्यक्ति की मौत हो गई। ज्यादातर पहाड़ी व मैदानी राज्यों में बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। कई राज्यों में राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित होने से लोगों को आवागमन में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। वहीं उत्तराखंड में भूस्खलन व बारिश से तीर्थ यात्रियों को खासी दिक्कतें हुईं। राज्यभर में नदी-नाले उफान पर हैं। हरिद्वार में गंगा चेतावनी रेखा से ऊपर बह रही है। टिहरी झील के जल स्तर में तीन मीटर का इजाफा हुआ है।
भारी बारिश से कार्लीगाड और रंगड़गांव क्षेत्रों की 20 हजार से अधिक आबादी का देहरादून से सड़क संपर्क टूट गया। स्कूलों में भी बच्चे फंसे रहे। वहीं, भारी वर्षा के मद्देनजर केदारनाथ यात्रियों को ऐहतियातन बुधवार को गौरीकुंड में रोका गया है। गंगाजल लेने गोमुख जाने वाले कांवड़ियों को उत्तरकाशी में रोका गया है।
बदरीनाथ राजमार्ग का लामबगड़ में करीब 20 मीटर हिस्सा बह गया। गंगोत्री व यमुनोत्री हाईवे भी बंद होते और खुलते रहे। अल्मोड़ा हाईवे पर बस पर गिरे बोल्डर की चपेट में आकर चालक घायल हो गया और बस में सवार 22 यात्री बाल-बाल बचे। पिथौरागढ़ में सात और नैनीताल में पांच घर अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त हुए हैं।
उप्र में कहर ढाने लगीं नदियां
दूसरी ओर, राज्यभर में 172 संपर्क मार्ग बंद हो गए हैं। उत्तर प्रदेश में नदियों का जलस्तर थमने का नाम नहीं ले रहा। कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिसके कारण तटवर्ती तमाम गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। मीरजापुर, सोनभद्र व चंदौली के कई चेकडैम व बंधे फुल हो गए हैं। नेपाल के बनबसा बैराज से 1.3 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिसके चलते गुरुवार को जलस्तर तेजी से बढ़ने की संभावना है।
कानपुर में गंगा के जलस्तर में 109.4 मीटर से बढ़कर 109.6 मीटर हो गया। राज्य में बाढ़ आपदा प्रबंधन के लिए एनडीआरएफ ने 12 टीमों का गठन किया है।पांचवीं तक के स्कूल बंदमध्य प्रदेश के पूर्वी हिस्से में तेज बारिश के चलते मंगलवार को रीवा, सतना, कटनी में बाढ़ जैसे हालात बन गए। रीवा और कटनी में नदी में बहने से साढ़े तीन साल के मासूम समेत दो की मौत हो गई है। सभी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। रीवा और सतना में पांचवीं तक की कक्षाओं की छुट्टी घोषित कर दी है। गुरुवार को कई क्षेत्रों में भारी बारिश हो सकती है।
आज भारी बारिश की चेतावनी
बिहार में लगातार हो रही बारिश के कारण बिहार की नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी है। सुपौल में तटबंध के 12 बिंदुओं पर कोसी का दबाव बरकरार है। वहीं सहरसा में कोसी नदी में डूबकर बुधवार को एक वृद्ध की मौत हो गई। खगडि़या में कोसी अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।गुरुवार को राज्य में भारी बारिश होने की चेतावनी जारी की गई है। वहीं मुंगेर में गंगा नदी का जलस्तर 34.66 मीटर दर्ज किया गया है। 2.5 सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से इसके जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है।
हिमाचल में थमी रफ्तार
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से कई क्षेत्रों में रफ्तार थम गई। यहां मंडी पठानकोट राजमार्ग गुम्मा के पास बाढ़ आने से आठ घंटे बाधित रहा है। चंबा-तीसा मार्ग भी कटवाड़घार में भूस्खलन होने से बंद हो गया।
जम्मू में भैरो घाटी मार्ग बंद
जम्मू कश्मीर में लगातार बारिश व भूस्खलन से वैष्णो देवी भवन जाने वाला बैट्री कार मार्ग सहित भैरो घाटी जाने वाला मार्ग बंद हो गया है। वहीं मलबे की चपेट में आने से एक महिला श्रद्धालु घायल हो गई। त्रिकूट पर्वत पर छाए घने बादलों के कारण बुधवार को दिनभर हेलीकॉप्टर भी उड़ान नहीं भर सके। श्रद्धालु केवल घोड़ा, पिट्ठू व पालकी की मदद से ही यात्रा कर रहे रहे हैं।
असम में नदियां उफान पर, 44की मौत
असम में बाढ़ से हालात खराब है। राज्य के 24 जिले बाढ़ की चपेट में है। अभी तक 44 लोगों की जान जा चुकी है। करीब 17.2 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। बाढ़ का असर इंसानों के साथ-साथ जानवरों पर पड़ रहा है। गैंडों के लिए मशहूर काजीरंगा नैशनल पार्क आधा डूब चुका है। पार्क के जानवरों को बाढ़ से बचाने की कोशिश जारी है।
किरण रिजिजू ने राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाने को कहा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्वोत्तर के विभिन्न क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने केंद्र की ओर से हरसंभव मदद का वादा किया। मोदी ने कहा कि उन्होंने गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू से व्यक्तिगत रूप से राहत एवं बचाव कार्य का निरीक्षण करने और हरसंभव मदद सुगम बनाने को कहा है। मोदी ने कहा कि उन्होंने बाढ़ की स्थिति पर अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू तथा दिल्ली एवं राज्यों के अधिकारियों से बात की।
अब तक 2 हजार से ज्यादा लोगों को बचाया गया
असम के बाढ़ पर अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि अब तक बाढ़ की वजह से 44 लोगों की मौत हो चुकी है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के अधिकारियों के मुताबिक बीते 24 घंटों में अलग-अलग हादसों में पांच लोगों की मौत हुई। एएसडीएमए ने बताया कि बुधवार तक 17 लाख 18 हजार 135 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। 31 हजार लोगों के लिए 294 राहत शिविर लगाए गए हैं। राहत दल राहत एवं बचाव कार्य में लगे हैं और अब तक 2 हजार से ज्यादा लोगों को बचाया गया है।
मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा किया
असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने बुधवार को बाढ़ग्रस्त माजुली जिले का दौरा किया और राहत शिविरों का जायजा लिया। भीषण बाढ़ के चलते 1,760 हेक्टेयर की फसल बर्बाद हो गई है और सैकड़ों लोग बेघर हो गए हैं। सोनोवाल ने काजीरंगा अभयारण्य का भी दौरा किया और अधिकारियों को पशुओं पर नजर रखने का निर्देश दिया, ताकि वे शिकारियों का निशाना न बनें। उन्होंने कहा कि नगांव, गोलाघाट, कार्बी आंगलोंग, सोनितपुर जिलों का प्रशासन बाढ़ के हालात के बारे में रोज वन मंत्री को रिपोर्ट करेगा और पशुओं की सुरक्षा के उपाय करेगा।
वहीं, पूर्वोत्तर राज्यों के विकास मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ जितेंद्र सिंह ने भी बाढ़ को लेकर मदद का भरोसा दिया है। उन्होंने अरुणाचल प्रदेश के सीएम से इस बारे में बात करने की जानकारी ट्विटर पर दी।
स्वास्थ्य मंत्री नड्डा ने असम की हरसंभव मदद का आश्वासन दिया
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने असम की मदद के लिए राज्य सरकार को पूरे सहयोग का आश्वासन दिया और साथ ही अपने मंत्रालय को राज्य के स्वास्थ्य विभाग से संपर्क में रहने को कहा है। नड्डा ने ट्वीट किया, ‘मैंने स्वास्थ्य मंत्रालय से असम के स्वास्थ्य अधिकारियों से संपर्क में रहने को कहा है। हम इस स्थिति में असम के भाइयों और बहनों के साथ हैं।’ नड्डा ने राज्य में बाढ़ की स्थिति जानने के लिए असम के मुख्यमंत्री सोनोवाल से भी बात की।