पुलिसकर्मियों के खिलाफ दर्ज मामले को लेकर राजस्थान विधानसभा में आज ने सदस्यों ने प्रदेश सरकार द्वारा की कार्रवाई का मुद्दा उठाया। इसे लेकर कुछ देर तक हंगामा भी हुआ।
प्रश्नकाल में गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने भाजपा के ज्ञानदेव आहूजा के पुलिसकर्मियों के खिलाफ दर्ज मामले को लेकर किये गये प्रश्न के उत्तर में कहा कि पुलिस ने गत चार साल में पुलिसकर्मियों के खिलाफ 275 मामले दर्ज किये गये है। इसमें 175 मुकदमों में दो सौ लोगों की गिरफ्तारी हुई है तथा 155 मामलों की जांच कर चालान सम्बधित अदालत में पेश किये जा चुके है।
भाजपा विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने कहा कि अलवर पुलिस अधीक्षक पर कदाचार और भ्रष्टाचार के आरोप होने के बाद भी कार्रवाई नहीं होने का मुद्दा उठाया। इस दौरान प्रतिपक्ष सदस्यों ने प्रदेश की बिगड़ी कानून व्यवस्था को लेकर सरकार पर भ्रष्टाचारियों को बचाने के आरोप लगाया।
इस पर कटारिया ने आहूजा को आश्वास्त किया, ‘‘यदि पुलिस अधीक्षक के खिलाफ जांच नहीं हुई है तो मुझे इस बारे में शिकायत दे मैं उचित कार्रवाई करूंगा।’’
गृहमंत्री ने कहा कि कांस्टेबल से उपनिरीक्षक स्तर के 202 अधिकारियों-कार्मिकों एवं निरीक्षक से पुलिस अधीक्षक स्तर तक के 73 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। तीन पुलिस अधीक्षकों की गिरफ्तारी हुई।
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) पूरे तथ्य एकत्रित करने के पश्चात कार्रवाई करती है। शिकायत मिलने या प्रकरण दर्ज होने के बाद अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों को अधिकतम दो वर्ष एवं राज्य सेवाओं के अधिकारियों-कार्मिकों को अधिकतम तीन साल तक निलम्बित रखा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि इस बीच समिति के निर्णय के आधार पर निलम्बन खत्म किया जा सकता है और अदालत के निर्णय के आधार पर कार्रवाई की जायेगी। कटारिया ने कहा कि किसी पुलिस अधिकारी-कार्मिक के खिलाफ शिकायत मिलने या किसी तफ्तीश के दौरान जांच अधिकारी की ओर से हेराफेरी करने के तथ्य उजागर होने पर एसीबी कार्रवाई करती है।
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